संसदीय सचिव ने जताया मुख्यमंत्री का आभार
बीकानेर, 20 मई। खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र के चार गांव सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) के तहत स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किए जाएंगे।
संसदीय सचिव तथा खाजूवाला विधायक डाॅ. विश्वनाथ मेघवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की इस पहल से भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बसे इन गांवों में विकास को नए आयाम मिलेंगे। उन्होंने बताया कि बेरियावाली, बल्लर, 17 केवाईडी तथा राववाला का चयन स्मार्ट विलेज के लिए किया गया है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे का आभार जताया है तथा कहा कि राज्य सरकार द्वारा दूरस्थ गांवों के विकास के लिए की गई इस पहल के दूरगामी परिणाम सामने आएंगे।
डाॅ. मेघवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा बजट घोषणा वर्ष 2017-18 में 5 हजार से अधिक आबादी वाले गांवों तथा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने विधानसभा में 3 हजार से अधिक आबादी वाले सभी गांवों को स्मार्ट गांव के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। वर्तमान में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में 5 हजार से अधिक आबादी के 952 तथा 3 हजार से अधिक आबादी के 3 हजार 169 गांव हैं। इनमें से अंतराष्ट्रीय सीमा में 20 किलोमीटर क्षेत्र में बसे गांवों को बीएडीपी के तहत चयनित किया गया है।
प्राथमिकता से होंगे विकास कार्य
डाॅ. मेघवाल के प्रवक्ता राकेश सहोत्रा ने बताया कि घोषणा की क्रियान्विति के लिए चयनित स्मार्ट विलेज में सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए संबंधित विभागों को विभागीय बजट से प्राथमिकता से कार्य स्वीकृत करवाने के लिए निर्देशित किया गया है। इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा स्मार्ट विलेज योजना सर्वे प्रपत्र भेजकर चयनित गांवों के विकास से संबंधित लागत की अनुमानित जानकारी चाही गई है।
संसदीय सचिव ने बताया कि इस सूची में चयनित बेरियावाली, जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़ा तथा 17 केवाईडी सबसे छोटा गांव है। बेरियावाली की जनसंख्या 11 हजार 831 तथा 17 केवाईडी की जनसंख्या 3 हजार 86 है। वहीं बल्लर की जनसंख्या 4 हजार 313 तथा राववाला की जनसंख्या 3 हजार 55 है।
– मोहन थानवी