राजस्थान और गुजरात में कांग्रेस के परंपरागत आदिवासी वोट बैंक में भाजपा सेंध लगाने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पिछले एक साल में दो यात्राओं से चिंतित भाजपा 17 नवंबर को बांसवाड़ा के मानगढ़ में एक लाख आदिवासियों का सम्मेलन करेगी। आदिवासी बाहुल्य यह क्षेत्र गुजरात के आदिवासी क्षेत्र से भी सटा हुआ है,दोनों प्रदेशों के आदिवासियों का आपस में मेलजोल होने के कारण इस वोट बैंक पर हमेशा ही राजनीतिक दलों की नजर रही है। अब गुजरात विधानसभा के हो रहे चुनाव और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा आदिवासी वोट बैंक का फायदा उठाने के लिहाज से बड़ा सम्मेलन आयोजित कर रही है।
सम्मेलन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, प्रदेश प्रभारी कप्तानसिंह सोलंकी आदि को बुलाया है।
इतिहास के मुताबिक मानगढ़ में वर्ष 1913 को 2000 से अधिक आदिवासियों को अंग्रेजों ने गोलियों से भून दिया था। इस घटना को 17 नवंबर को 100 साल पूरे हो रहे हैं। आदिवासी सम्मेलन को लेकर भाजपा अजजा मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की अध्यक्षता में जयपुर में बैठक हुई।
उन्होंने बताया कि मानगढ़ में शहीद हुए आदिवासियों को वह सम्मान नहीं मिल पाया है, जिसके वे हकदार थे। शहीदों के नाम-पते पत्थरों पर खुदवाए जाएंगे।
गौरतलब है कि राजस्थान के आदिवासी जिलों उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा में अधिकांश विधानसभा सीटें एवं दो लोकसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है।
अब भाजपा आदिवासियों को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रही है। इसी के तहत राजस्थान के वरिष्ठ भाजपा नेता गुलाब चंद कटारिया लम्बे समय से आदिवासी क्षेत्रों की यात्रा कर भाजपा के पक्ष में माहौल बना रहे है, गुजरात के भी आदिवासी नेता अपने क्षेत्रों में इसी तरह का प्रयास कर रहे है। पिछले साल हुए आदिवासियों के सम्मेलन में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल हुए थे।