रॉबर्ट वाड्रा के बचाव को लेकर भिड़े कांग्रेसी नेता

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर लग रहे आरोपों पर पार्टी की ओर से बचाव के मुद्दे को लेकर आज हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में दो मंत्री और एक विधायक आपस में उलझ गए। वहीं कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने केजरीवाल को चोर बता दिया।

खाचरियावास ने विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि रॉबर्ट वाड्रा पर आरोप लगाने वाले अरविंद केजरीवाल खुद चोर हैं और आंदोलन का चंदा हजम कर चुके हैं। केजरीवाल अब राजनीति में जगह बनाने के लिए वाड्रा पर बेबुनियादी आरोप लगा रहे है।

खाचरियावास ने कहा कि वाड्रा ने कोई गलत काम नहीं किया है। उन्होंने व्यापार किया है, कोई भी व्यापार करके मुनाफा कमा सकता है, इसमें गलत क्या है? रॉबर्ट वाड्रा ने जमीन खरीदकर कोई गलत नहीं किया।

उन्होंने कहा कि भाजपा अगर झूठे आरोप लगाएगी तो कांग्रेस चुप नहीं रहेगी। अटल बिहारी वाजपेयी ने दामाद रंजन भट्टाचार्य, प्रमोद महाजन, सुधाशु मित्तल ने एनडीए सरकार के समय कई सरकारी कंपनियों को औने पौने दामों में बेच दिया।

इससे पूर्व विधायक दल की बैठक में संसदीय सचिव राजेन्द्र बिधूड़ी ने जब कहा कि रॉबर्ट वाड्रा पर लग रहे आरोपों का बचाव करने की बात कही। उन्होंने कहा कि पूरी पार्टी को एकजुट होकर एनडीए सरकार के समय हुए घोटालों से इसका जवाब देना चाहिए।

बिधूड़ी के यह बोलने पर सार्वजनिक निर्माण मंत्री भरतसिंह एवं आयोजना जनशक्ति राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने उनके द्वारा पार्टी की अनुमति के बिना जनसभाएं करने और कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ ही बोलने की बात कहीं। इस पर विवाद हो गया और बिधूड़ी उलझ गए।

बिधूड़ी की आलोचना करते हुए राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि आप एकता की बात करते हैं। जबकि आप कई जगह जनसभाएं करके हमारी पार्टी के मंत्री के खिलाफ बोलकर चले गए। उस समय यह एकता की बात कहां गई थी।

गुढ़ा के बाद मंत्री भरत सिंह ने बिधूड़ी से कहा कि आप तो बाहरी हैं, हमें क्या सिखा रहे हैं। वाड्रा कांग्रेस में तो हैं नहीं ऐसे में पार्टी क्यों जवाब दे, वैसे भी यह दिल्ली का मुद्दा है उनका व्यक्तिगत मामला है? भरत सिंह के यह बोलते ही बिधूड़ी भड़क गए और यहां तक कह दिया कि गांधी परिवार पर कोई अंगुली उठाता है तो हमें जवाब देना ही चाहिए।

जनता ने जिताया है तो बाहरी कैसे कह सकते हैं, अगर आप इतना ही समझते हैं तो दिल्ली में चुनाव लड़कर देख लीजिए पता लग जाएगा। इस मुद्दे पर दोनों काफी देर तक उलझते रहे, बाद में वरिष्ठ नेताओं ने जैसे तैसे मामला शांत करवाया।

गौरतलब है कि वॉड्रा की प्रदेश के बीकानेर एवं जैसलमेर में भी बड़े पैमाने पर जमीन होने की बात सामने आई है।

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