‘वेल्यू एडेड‘ हो रिसर्च, ‘लर्निंग बाई डूइंग’ को दें बढ़ावा-डाॅ. सारस्वत

नीति आयोग सदस्य आए बीकानेर, कहा स्थापित हो ‘बीकानेर इनोवेशन सेंटर’

bikaner samacharबीकानेर, 31 अगस्त। नीति आयोग के सदस्य डाॅ. वी.के. सारस्वत ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में सौर ऊर्जा का समुचित उपयोग और बरसाती जल संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। इस दिशा में सतत प्रयास होने चाहिए।

डाॅ. सारस्वत ने गुरूवार को अजित फाउण्डेशन में आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में यहां अपार संभावनाएं हैं। इसे ध्यान रखते हुए बीकानेर के आसपास के क्षेत्रांे में ‘नोन ग्रिड कनेक्ट सोलर प्लांट’ प्रोजेक्ट हाथ में लिए जाएं। यह हमें ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की ओर अग्रसर करेगा तथा युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम ने सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भरता का जो स्वप्न देखा, उसे हमें साकार करना होगा।

नीति आयोग सदस्य ने कहा कि आज शिक्षा पद्धति में बड़ा बदलाव आया है। इसे ध्यान रखते हुए हमारे शिक्षकों को भी ‘डेमोस्ट्रेशन’ और ‘लर्निंग बाई डूइंग’ की ओर बढ़ना होगा तथा ‘इंजीनियरिंग साइंस’ की बजाय ‘इंजीनियरिंग टेक्नोलाॅजी’ को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा कि हमारा रिसर्च ‘वेल्यू एडेड’ हो, इस दिशा में जागरूकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज ‘ट्रांसलेशन रिसर्च’ की मांग बढ़ी है। यह सकारात्मक पहल है। उन्हांेने कहा कि हर क्षेत्र में अच्छे पुस्तकालय हों। जहां पुस्तकों की उपलब्धता के साथ डिस्कशन और कम्यूनिकेशन भी हो।

फाउण्डेशन स्थापित करे ‘बीकानेर इनोवेशन सेंटर’

डाॅ. सारस्वत ने अजित फाउण्डेशन की गतिविधियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि युवाओं को अवसर प्रदान करने की दिशा में ऐसी संस्थाओं की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि फाण्उडेशन, ‘बीकानेर इनोवेशन सेंटर’ स्थापित करे तथा ऐसे युवाओं को आमंत्रित करे, जो विभिन्न क्षेत्रों में नए प्रयोग कर रहे हैं। फाउण्डेशन उन्हें प्लेटफाॅर्म एवं आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए। इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे और यहां की अनेक प्रतिभाएं राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रोजेक्ट तैयार कर केन्द्र व राज्य सरकार को भिजवाए जाएं। डाॅ. व्यास ने करवाया गतिविधियों से अवगत

इस दौरान डाॅ. विक्रम व्यास ने ‘पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन’ के माध्यम से अजित फाण्उडेशन की गतिविधियों से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि 1994 में फाण्उडेशन की स्थापना हुई। इसके बाद विभिन्न विषय विशेषज्ञों के साथ युवाओं की ‘डायलाॅग सीरिज’ आयोजित की जा रही है। अजित फाउण्डेशन साइंस लेब के माध्यम से बच्चों में विज्ञान के प्रति उत्सुकता बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने फाउण्डेशन द्वारा बरसाती जल संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी तथा शोध के महत्त्व के बारे में बताया।

इस अवसर पर डीआरडीओ के पूर्व निदेशक डाॅ. एच.पी. व्यास, डाॅ. रविन्द्र मंगल, शोध विधार्थी शैलेन्द्र आचार्य, फाउण्डेशन के संजय श्रीमाली मौजूद थे।

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