गाठिया रोग चिकनगुनिया पर किया शोध-पत्रा
बीकानेर, 30 अक्टूबर। अतिरिक्त प्रधानाचार्य प्रथम व सीनियर प्रोफेसर मेडीसिन, सरदार पटेल मेडिकल महाविद्यालय एवं पी.बी.एम. अस्पताल डाॅं. लियाकत अली गौरी को अलवर में 28-29 अक्टूबर को आयोजित राजस्थान फिजिशियन काॅफेंस, (राज एपिकोन) में डाॅं.हेमचन्द्र सक्सेना मेमोरियल ओरेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया। डाॅं. गौरी को मेडल, मोमेन्टो व प्रशस्ति पत्रा प्रदान किया गया। इस अवसर पर डाॅं.गौरी ने चिकनगुनिया 2006 महामारी के बारे में शोध पत्रा पढ़ा। उन्होंने बताया कि चिकनगुनिया के कुछ रोगी को जोड़ों का दर्द वर्षों तक रहता है। इसके बारे में इन रोगियों का 10 वर्ष तक फोेेलोअप किया गया व इनके इलाज के बारे में विश्वस्तर की पहली शोध प्रस्तुत की गई।
डाक्टर गौरी ने बताया कि सितम्बर 2006 में बीकानेर जिले में ये रोेगी जोड़ दर्द व बुखार से पीड़ित थे। जाॅंच करने पर चिकनगुनिया होना पाया गया। उस समय हर घर में 2-4 मरीज इस बीमारी से पीड़ित पाये गए। चिकनगुनिया से सम्बन्धित जाॅंच की सुविधा भी पी.बी.एम. अस्पताल में बहुत समय के बाद उपलब्ध हो पाई, कुछ जाॅंचे वायरोलोजी लैब, पुणे से करवायी गयी। काफी रोगी 5-7 दिनांे में ठीक हो गए, मगर कुछ मरीज में जोड़ों का दर्द सालों तक रहा। 50 रोगियों में चिकनगुनिया का टेस्ट पाजिटिव था। शोध के लिये चिकनगुनिया के रोगी के जोड़ों के दर्द का इलाज कैसे किया जाये, इसका कोई प्रिन्ट मैटर ज्यादा उपलब्ध नहीं था। विश्व में यह अपने तरह की पहली शोध है, जिसमें चिकनगुनिया के रोगियों का 10 वर्षों तक अनुसरण किया गया।
राज एपिकोन अलवर में मेडिसिन विभाग के रेजीडेन्ट्स ने बाजी मारी-
डाॅं. लियाकत अली गौरी ने बताया कि राज एपिकोन में उनके अधीन कार्यरत रेजीडेन्ट्स डाॅं. दीपक गोयल व डाॅं. नेन्सी ने पुरस्कार जीते हैं। डाॅं. दीपक फोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम रहे व डाॅं. नेन्सी क्वीज प्रतियोगता में द्वितीय रही। इन्हंे ये पुरस्कार 2018 की राज-एपिकोन अजमेर में दिये जायेंगे।
