चिंतामणि जैन मंदिर में प्राचीन 1116 प्रतिमाओं का अभिषेक

30=11-17--17बीकानेर, 30 नवम्बर। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के गच्छाधिपति आचार्यश्री जिन मणिप्रभ सूरिश्वरजी के सान्निध्य भुजिया बाजार के श्री चिंतामणि आदिनाथ मंदिर के भूगर्भ में स्थित महाचमत्कारी देवाधिष्ठित 1116 जिन-प्रतिमाओं के महिमा प्राकट्य महोत्सव में जैन विधि व नवंकार महामंत्र के जाप के साथ महाभिषेक व 18 अभिषेक किए गए।
मंदिर में लगभग चार सौ वर्षों से भूगर्भ में स्थापित चमत्कारी प्रमिओं के दर्शन-वंदन व पूजन का सिलसिला सुबह से शाम तक चला। राजस्थान के साथ देश के विभिन्न इलाकों से आए श्रावक-श्राविकाओं ने प्रतिमाओं के दर्शन किए।
आचार्यश्री जिन मणिप्रभ सूरिश्वरजी उनके सहवृति मुनियों, प्रवर्तनी साध्वीश्री शशि प्रभा व साध्वीश्री कल्पलता के सान्निध्य में गुरुवार को महाभिषेक सुवर्ण, रजत, कांस्य कलश से परमात्मा का अभिषेक, पूजन, बीकानेर नगर में आठ जाति के कलशों से परमात्मा के 1008 अभिषेक सह 18 अभिषेक पूजन हुआ। विजय मुर्हूत में श्री शांति स्नात्र पूजन तथा शाम 1008 दीपकों से परमात्मा की भव्य आरती व भक्ति संगीत संध्या आयोजित की गई।
आचार्यश्री जिन मणि प्रभ सूरिश्वरजी व साध्वीवृंद की ओर से महाभिषेक के दौरान किए गए मंत्रोच्चारण से मंदिर का वातावरण पूर्ण भक्तिमय बन गया। महाअभिषेक के साथ प्रतिमाओं का पुनः शुद्धिकरण ’नवंकार महामंत्र’ के जाप के साथ किया गया। नाकोड़ा की ज्ञान शाला के विद्यार्थियों ने विधि विधान से शुद्धिकरण करवाया।
चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारिवाल ने बताया कि शुक्रवार को सुबह सुवर्ण,रजत,कांस्य कलश से परमात्मा का अभिषेक,पूजन,लाभार्थियों का बहूमान,दोपहर को विजय मुर्हूत में श्रीसत्तरभेदी पूजा के बाद महोत्सव का समापन होगा। पूजन के बाद प्रतिमाओं को भूगर्भ में पुनः स्थापित किया जाएगा सत्तरभेदी पूजा का लाभ नेमचंद भंवरी देवी डागा परिवार ने लिया है। शाम को साढ़े सात बजे आरती व भक्ति संगीत का आयोजन होगा।
धारिवाल ने बताया कि 1116 प्रतिमाओं में दो प्रतिमाएं सफेद मकराना पत्थर की तथा 1114 अष्ट धातू की प्रतिमाएं है। सफेद संगमरमर की प्रतिमाएं बीकानेर के राजकीय संग्रहालय में संरक्षित पल्लु में मिली जैन सरस्वती की शैली की है। वहीं सुभद्र स्वामी की अष्ट धातु की एक प्रतिमा भगवान महावीर के समय की करीब 2500 वर्ष पुरानी है। इन प्रतिमाओं के पीछे प्रतिमाओं की प्राचीनता व विशिष्टता का भी अंकन है। बीकानेर के अभय जैन ग्रंथालय में मौजूद स्वर्गीय अगर चंद नाहटा की ओर से लिखी गई पुस्तक में भी इन प्रतिमाओं का वर्णन है। प्रत्येक प्रतिमा का पुनः डोक्यूंमेंटेशन व फोटोग्राफी करवाई जाएगी तथा सुरक्षित रूप से गर्भगृह में रखा जाएगा। महोत्सव में श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के पदाधिकारियों के साथ जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ युवा परिषद,केयुप के पदाधिकारियों व सुश्रावक-श्राविकाओं,जिला व पुलिस प्रशासन तथा मीडिया ने अनुकरणीय सहयोग दिया। श्रीचिंतामणि जैन मंदिर के अध्यक्ष धारिवाल,सचिव चन्द्र सिंह पारख ने महोत्सव में परोक्ष-अपरोक्ष रूप से सहयोग देने वालों के प्रति आभार जताया।

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