बीकानेर,27 जनवरी। राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) की डूंगर महाविद्यालय इकाई द्वारा शनिवार को कत्र्तव्य बोध दिवस मनाया गया। इकाई सचिव डाॅ. उज्ज्वल गोस्वामी ने बताया कार्यक्रम में मुख्य वक्ता भक्तानन्द आश्रम, भीनासर के महन्त स्वामी सुबोधगिरी जी महाराज एवं अध्यक्षता संगठन के प्रान्तीय अध्यक्ष डाॅ. दिग्विजय सिंह एवं विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ संकाय सदस्य डाॅ. शिशिर शर्मा रहे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने मां सरस्वती के प्रतिमा के आगे दीप प्रज्जवलन कर उद्घाटन किया।
इस अवसर पर डाॅ. दिग्विजय सिंह ने विद्यार्थियों एव ंसंकाय सदस्यों से अपने अधिकारों के साथ- साथ अपना कत्र्तव्य पूर्ण सजगता से करने का आह्वान किया। उन्होने कहा कि मनुष्य को केवल स्वयं के ही हितों के बारे में ना सोच कर समाज और राष्ट्र निर्माण के बारे में अपना हर सम्भव सहयोग करना चाहिये। शि़़क्षक संगठन अपने अधिकारों के साथ प्रतिवर्ष कत्र्तव्य बोध दिवस के माध्यम से सभी को अपने कत्र्तव्य निर्वाहन के प्रति भी जागरूक करता है।
मुख्य वक्ता सुबोधगिरीजी ने कहा कि आज के युग में सज्जन पुरूष ही समाज की सेवा कर सकता है। उन्हांेने वसुधैव कुटुम्कम के सिद्धान्त को अपनाने पर बल दिया। पूरे विश्व में भारत ही धर्म और जनतंत्र की जननी है। उन्होंने भारतीय संस्कृति के इतिहास से सभी को स्मरण कराते हुए स्वामी विवेकानन्द एवं रविन्द्रनाथ टैगार के आदर्शों को जीवन में अपनाने पर बल दिया। स्वामीजी ने कहा कि यदि कत्र्तव्य बोध जगाना है तो मनुष्य को आध्यात्म बोध जगाना होगा। वरिष्ठ संकाय सदस्य डाॅ. मूल चन्द माली ने एक भाव गीत प्रस्तुत कर सभी का ध्यान कत्र्तव्य की ओर आकृष्ट किया।
डाॅ. शिशिर शर्मा ने सभी अतिथियों एवं आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. एम.डी. शर्मा ने किया।
