सूचना के अधिकार के प्रति जागरुकता के लिए कार्यशाला

बीकानेर , 23 फरवरी। हरिशचन्द्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान में शुक्रवार को सूचना के अधिकार के प्रति जागरुकता के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में दो दर्जन से अधिक विभागों के 35 अधिकारियों व कार्मिकों को सूचना का अधिकार, बनें शासन में भागीदार’’ विषय पर प्रशिक्षण संस्थान के जयपुर स्थित मुख्यालय के प्रोफेसर(लोक प्रशासन) डॉ.आर.के. चौबीसा ने दिया। डॉ.चौबीसा ने सूचना के अधिकार के संबंध में अधिकारियों व कर्मचारियों में व्यक्त जिज्ञासाओं का समाधान किया।

डॉ. चौबीसा ने बताया कि सूचना का अधिकार प्रभारी, लोकतंत्र का महत्वपूर्ण आधार स्तम्भ है। सूचना के अधिकार ने देश के नागरिकों को आश्वस्त किया है कि वे समस्त लोक प्राधिकरणों द्वारा धारित एवं उनके नियंत्रण में मौजूद सूचनाएं अधिकार पूर्वक प्राप्त कर सकते है। सूचना के अधिकार से शासन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही में बढ़ोतरी हुई हैं।

डॉ.चौबीसा ने लोकतंत्र में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नागरिकों के अधिकार, अधिनियम की प्रस्तावना, अधिनियम का मूल उद्देश्य, सूचना जो आम नागरिक प्राप्त कर सकते है या नहीं प्राप्त कर सकते हैं इसकी विस्तृत से जानकारी दी। उन्होंने सूचना मिलने की समय सीमा, सूचना नहीं देने पर अपील आदि के बारे में बताया । उन्होंने कहा कि नागरिक देश की पर््रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, रणनीति, वैज्ञानिक या आर्थिक हित, विदेश से संबंध पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने वाली सूचना या ऎसी सूचना जिससे किसी अपराध को करने का उद्दीपन होता है सूचना नहीं दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि किसी न्यायालय या अधिकरण द्वारा अभिव्यक्त रूप से निषिद्ध, की गई सूचना या ऎसी सूचना जिससे न्यायालय का अवमान होता है, संसद या किसी राज्य के विधान मंडल के विशेषाधिकार का भंग कारित करने वाली, सूचना, जो व्यक्गित सूचना से संबंधित है या जिससे किसी के जान पर खतरा हो वह सूचना नहीं दी जा सकती। उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम के हर पहलु को बारीकी से समझाया तथा कार्यशाला के संभागियों की जिज्ञासाओं को दूर किया।

पूर्व में हरिशचन्द्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान के अतिरिक्त निदेशक डॉ.शिशिर चतुर्वेदी व पाठ्यक्रम निदेशक डॉ.मीनाक्षी खंगारोत ने कार्यशाला की उपयोगिता बताई। उन्होंने बताया कि मार्च के अंतिम सप्ताह में सूचना के अधिकार के तहत नोडल अधिकारियों की भी विशेष कार्यशाला आयोजित की जाएगी। उप निदेशक (लेखा) योगिता गोयल, कैलाश चन्द्र, केरियर मार्गदर्शक डॉ.गौरव बिस्सा, लेखा सेवा के वरिष्ठ अधिकारी संजय धवन ने कार्यशाला को बहुउपयोगी बताया। डॉ.बिस्सा व धवन ने संस्थान में 100 सहायक लेखाधिकारियों को भी बेहतर कार्य के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया।

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