हंस फसग्यो कागो रे बीच में,अेकेलो क्या कर पावै…..

जमनादास कल्ला की रम्मत
बीकानेर(जयनारायण बिस्सा)। हंस फसग्यो कागो रे बीच में,अेकेलो क्या कर पावै..,दूध री भौलावन दी बिल्ली मलाई चट कर जावै…..। पाकिस्तान करै नित धोखो सबक नहीं सिखला पावै..दूध री भौलावन दी बिल्ली मलाई चट कर जावै…..। कुछ इसी तरह के व्यंग्य व तत्कालीन परिस्थितियों पर करारा कटाक्ष स्थानीय कीकाणी व्यासों में देखने को मिला। मौका होगा जमनादास कल्ला की स्वांग मैरी रमत का। इस रमत में इस साल का याल राजनीति पर किया गया है जिसमें देश की वर्तमान विकट परिस्थिति का चित्रण किया गया है। घोटालों पर कटाक्ष करते हुए कलाकारों ने याल गाया है घोटाला 2 जी रा देश,उपरा उपरी उडाय दिया,चोर चोर मौसेरा भाई मिलकर माल जमाय गया। बिल बणयौडा जांगा जांगा कौकर ए भर पावैला अमरबेल ज्यौ बढ़ती जावै देखो आ ा्रष्टचारी। वहीं चौमासे के माध्यम से पत्नी चौमासा में वर्षा ऋ तु पर जवानी जोर जताने व तन-मन में मदन सताने का विरह आदि का चित्रण किया गया । 150 वर्षों से अधिक पुरानी यह रमत किशन लाल ओझा व कपित ओझा के सान्निध्य में होगी।
कला के सचिव एडवोकेट मदनगोपाल व्यास ने बताया कि रात्रि12 बजे लटियाल माता का पर्दापण हुआ। पूजा अर्चना व आरती के बाद याल व चौमासे का मंचन किया गया।
रमत में स्वांग आगे गाने वालों में – एड. मदनगोपाल व्यास, रामकिशन व्यास, झझू मस्तान, कोच, एस.पी., खोण्डो, कपिल,भंवर, सत्यानारायण कलवाणी, बुला महाराज,मनमोहन, रामजी, गिरिराज, नारायण, रविकाका जुगलनेता, आसु, भाईयों, श्यामसुन्दर, गोपीकिशन, मुन्ना कल्ला, गिरिराज बिन्नाणी, गौरीशंकर, सत्यनारायण ओझा,नत्थू,गोपीकिशन,गणेश मामा, गजराज पुरोहित,गौरव, गोपाल, प्रेम कुमार, शंकर, रमेश, गोविन्द, शानू, नानू,चन्द्रेश, विष्णु, लक्ष्मण, कन्हैया, बसंत, राहुल व्यास आदि शामिल है।

रंगत होली की, हड़ाऊ मेहरी का प्रेम, भाभी ने दिखाए तेवर
मोती तू क्यों अणभणो, राखू नथ रे बीच सायबो मोणे एक घड़ी, मैं मौणू पलबीस… बारहगुवाड़ चौक के विद्यार्थी परिषद भवन में इन दिनों शृंगार रस से ओतप्रोत इस तरह के संवाद गूंज रहे हैं। तो नथानी सराय में देवर हकूमत आपकी हमसे सही ना जाए… सरीखे संवादों के साथ ही देवर-भाभी में तकरार चल रही है। मौका है होली के अवसर पर मंचित होने वाली रमतों का। इन दिनों भीतरी परकोटे में कई स्थानों पर विभिन्न संस्थाओं के तत्वावधान में पूर्वायास परवाना पर चल रहा है। नगाड़ों की ताल पर कलाकार स्वर से स्वर मिला रहे हैं।
कोडमदेसर नाट्य कला संस्थान की ओर से बारहगुवाड़ चौक में देवर-भाभी की नोंक-झोंक पर आधारित रमत शहजादी नौटंकी का मंचन 27 फरवरी को रात को शुरू होगा, जो 28 की सुबह तक चलेगा। मंच पर सबसे पहले गणेशजी का पदार्पण होगा।रमत का पूर्वायास इन दिनों नथानी सराय स्थित भैरुंजी मंदिर में परवान पर है।
उस्ताद आशाराम जागा के सान्निध्य में 16 साल पहले शुरू हुआ रमत का मंचन वर्तमान में उस्ताद भंवर लाल जोशी के नेतृत्व में किया जा रहा है। रमत की लावणी, चौबोलें की शैली मुय आकर्षण होता है। रमत में लक्ष्मीनारायण, श्यामलाल, किशन मोहन छंगाणी, संजीव व्यास, दिलीप, गोपाल दास, गिरिराज छंगाणी, रामकुमार, गजानंद, मनोज रंगा आदि भागीदारी निभा रहे हैं।
हड़ाऊ मेहरी 28 को
जबरेश्वर नाट्य एवं कला संस्थान के तत्वावधान में बाहरगुवाड़ चौक में शृंगार रस प्रधान हड़ाऊ मेहरी रमत का मंचन इस बार 28 फरवरी रात को शुरू होगा, जो 1 मार्च सुबह तक चलेगा। रमत का कथानक रानी-राजा के बीच रुठने मनाने के तानेबाने के ईर्द-गिर्द रहेगा।
गीत संगीत पर आधारित इस रमत में शृंगार रस के प्रधान गीत, तीज गीत खास हैं। संस्थान के भैरुंरतन पुरोहित ने बताया कि रमत का मंचन दो सौ साल से भी अधिक समय से किया जा रहा है। रमत में शांतिलाल पुरोहित, भंवरलाल, मंगलचंद, पूनमचंद, ब्रजमोहन, बुलाकीदास, शिव शंकर, मुरारी आदि भागीदारी निभा रहे हैं।

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