स्कूल परिसर को आस्था का केंद्र मान कर काम करती है प्रधानाध्यापक रामकन्या माली
मूलचन्द पेसवानी
शाहपुरा (भीलवाड़ा)-कभी देखा है ऐसा सरकारी स्कूल, जिसने प्राइवेट स्कूलों को भी पीछे छोड़ दिया है। वो भी सुदूर अंचल के ग्रामीण क्षेत्र का सरकारी स्कूल। मौजूदा समय में जहां शिक्षक किसी न किसी वजह से आलोचनाओं का केंद्र बने हुए हैं। ऐसे समय में शाहपुरा ब्लाॅक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय भगवानपुरा की प्रधानाध्यापक रामकन्या माली ने सरकारी स्कूलों के लिए एक नई उम्मीद जगा दी है।
प्रधानाध्यापक रामकन्या माली ने अपने प्रयासों से इस सरकारी विद्यालय को प्राइवेट स्कूल के मॉडल में बदल दिया है। विद्यालय में बच्चों के लिए किचन गार्डन की व्यवस्था की गई है। जिसकी नियमित देखभाल प्रधानाध्यापिका स्वयं करती है। बगीचे में जहां जैविक सब्जियां व फूलों के पौधे लगाए गए हैं, किचन गार्डन में पालक, गोभी, मेथी, मिर्च, भिंडी, टमाटर सहित दर्जनों प्रकार की जैविक सब्जियां लगी हुई हैं। यहां खाद भी देशी व जैविक ही उपयोग किया जा रहा है। स्कूल में मिड डे मिल भोजन में इन्हीं सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है। किचन गार्डन की जैविक सब्जियों को प्रधानाध्यापक माली गांव के आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के साथ ही गांव की गर्भवती व धात्री महिलाओं को भी उपलब्ध कराती है।
प्रधानाध्यापक रामकन्या माली सरकारी स्कूलों के लिए नजीर पेश कर रही हैं। जिन सरकारी स्कूलों की बदहाली के कारण बच्चों की छात्र सख्ंया कम होती जा रही है। उनके लिए वे एक मिशाल बन चुकी हैं। माली के आने के बाद स्कूल में विद्यार्थी भी बढ़े है। सुदूर गांव अंचल के विद्यार्थी सुव्यवस्थित यूनिफार्म में और पूरी संख्या में हर दिन उपस्थित होते हैं।
प्रधानाध्यापिका रामकन्या माली के छोटे भाई जयप्रकाश माली में भी सेवा करने का जज्बा है। जयप्रकाश बीएससी नर्सिंग उदयपुर में कर चुका है परंतु जब भी वो अपने घर शाहपुरा आता है तो बहन के स्कूल में पहुंच कर वहां कक्षा लेने, बच्चों को संस्कारवान बनाने, उनको खिलाने, उनको प्रशिक्षण देकर व्यवहारिक बनाने में कोई पीछे नहीं छोड़ता है।
जीव दया सेवा समिति के संयोजक अत्तू खां कायमखानी ने कहा कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय भगवानपुरा (रहड़) में प्रधानाध्यापिका रामकन्या माली के पदस्थापना के बाद अब तक 250 पौधे लगा दिये है। सभी पौधों की अब छाया वहां दिखने लगी है। इस वर्ष वहां पर किचन गार्डन डवलप कर दिया है जिसके सार्थक परिणाम दिखे है। अब वहीं पर पैदा होने वाली सब्जियां ही मिड डे मिल में प्रयुक्त हो रही है। यह जिले का ऐसा पहला विद्यालय बन गया है जहां पर किचन गार्डन सुव्यस्थित चल रहा है।
सरकारी सेवा में चयन के बाद अगर कार्मिक सेवा भावना से कार्य करते है तो वहां की वास्तव में कायापलट हो सकती है। शाहपुरा क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक विद्यालय भगवानपुरा (रहड़) में देखने को मिला। पांच साल पूर्व में यहां पदस्थापित रामकन्या माली ने स्कूल परिसर को अपनी आस्था का केंद्र मानकर यहां जो बच्चों की सेवा की है वो बेमिसाल है।