‘उडने को तैयार मन’ काव्य संग्रह का हुआ लोकार्पण

बीकानेर 30 अप्रेल । मुक्ति संस्थान बीकानेर के तत्वावधान में युवा कवि-कथाकार डॉ. रेणुका व्यास ‘नीलम’ के प्रथम काव्य संग्रह ‘उडने को तैयार मन’ का लोकार्पण स्थानीय धरणीधर रंगमंच पर आयोजित हुआ । समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं सम्पादक श्री भवानीशंकर व्यास ‘विनोद’ ने की । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं केन्द्रीय साहित्य अकादेमी के राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य आशावादी थे तथा विशिष्ठ अतिथि महारानी कॉलेज के प्राचार्य डॉ.उमाकांत गुप्त एवं कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी थे । समारोह के स्वागताध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता डॉ.उमाशंकर व्यास थे । अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास ‘विनोद’ ने कहा कि डॉ. रेणुका व्यास की कविताएं मानवीय संवेदनाओं को अभिव्यक्त करती हुई नए आयाम स्थापित करते हुए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देने वाली है । ये कविताएं धरातल से जोडती है, किसी विचार धारा से प्रभावित नहीं है । श्री व्यास ने कहा डॉ.रेणुका की कविताओं में संवेदना की सघनता के साथ साथ अभिव्यक्ति की जीवंतता एवं उपमाओं की ताजगी है । बिम्ब विधान की जो छवियां मौजूद है उससे पाठक को सत्य का आभाष होता है । उन्होंने कहा कि व्यास की कविताएं अस्तित्वबोध की जडों को तलासती हुई नारी मन की महिमा के साथ-साथ नारी की व्यथा कथा को बखानती है । मुख्य अतिथि केन्द्रीय साहित्य अकादेमी, राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक, वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी ने कहा कि इन कविताओं में मानवीय मूल्यों की सांगोपांग पडताल की हुयी है जो नई जमीन तोडती दिखती है । कवयित्री का यह पहला प्रयास सराहनीय है । श्री आचार्य ने कहा कि पहले खंड में शामिल रचनाएं कवयित्री की गहरी संवेदना से साक्षात्कार कराती है । उन्होंने कहा कि डॉ.रेणुका के रचना संसार में कोरी भावुकता या दिखावा नहीं है । कवयित्री ने जीवन के सत्यों को आत्मसात किया है । उन्होंने कहा कि कविता मूलरुप से विस्तृत भावों का संक्षिप्तीकरण होता है और इस पैमाने पर यह काव्य संग्रह उत्कृष्ट है । विशिष्ठ अतिथि कवि-आलोचक डॉ.उमाकांत गुप्त ने कहा कि शब्दों की संरचना अपने आपमें एक अद्वितीय काम है जिसमें लेखिका सफल हुयी है । विशिष्ठ अतिथि कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि शब्दों का रचाव ही मन मस्तिष्क का सात्विक भोजन है । जोशी ने कहा डॉ.रेणुका ने कविता को नया स्वर देने का काम किया है । वे नारेबाजी व सपाट बयानी से बचती हुयी अपनी कविताओं के माध्यम से पाठक के समक्ष प्रश्न खडे करती है तथा संवेदनाओं को उभारकर वर्तमान समय की मांग को पूरा करती है । जोशी ने कहा कि इनके रचना संसार में प्रेम, दया, अपनत्व और उमंग के साथ-साथ प्रतिरोध के स्वर भी है । जोशी ने कहा कि डॉ. रेणुका विश्वास की कवयित्री होने के साथ- साथ काव्य बिम्बों और प्रतीकों का मौलिक मुहावरा गढती है । कवयित्री की सधी हुई भाषा, लय का मोह और आवृति की प्रव्रति इन्हें अच्छा गीतकार भी बनाती है । इससे पहले कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ.उमाशंकर व्यास ने कहा कि बीकानेर ने अपने सृजन से इस साहित्य नगरी का देश भर में मान बढाया है । मैं बीकानेर में हो रहे सृजन एवं डॉ.रेणुका के काव्य संग्रह से अभिभूत हूं । कार्यक्रम में संगीतज्ञ ज्ञानेश्वर सोनी ने डॉ. रेणुका व्यास के संग्रह ‘उडने को तैयार मन’ काव्य संग्रह से गीत ‘भारती मां भारती’ की सस्वर संगीतमयी प्रस्तुति दी । साहित्य विदुषी डॉ.चंचला पाठक ने काव्य संग्रह पर पत्र वाचन करते हुए डॉ.रेणुका की रचनाओं को भाव संवेदनाओं एवं लोक सौन्दर्य की रचनाएं बताते हुए कहा कि इस पहले काव्य संग्रह का साहित्य जगत में स्वागत होना चाहिए । इस अवसर पर कवयित्री डॉ. रेणुका व्यास ने अपने रचनाकर्म पर प्रकाश डालते हुए लोकार्पित संग्रह से चुनिन्दा ककिताओं का वाचन किया । कार्यक्रम में कवयित्री का विभिन्न संस्थाओं की तरफ से सम्मान किया गया जिनमें शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान के भवानीशंकर व्यास, राजाराम स्वर्णकार, बी.एल.नवीन, बाबुलाल छंगाणी, हनुमान कच्छावा आदि ने शॉल एवं सम्मान पट्टिका भेंटकर सम्मान किया । सखा संगम के अध्यक्ष एन.डी रंगा, चन्द्रशेखर जोशी, पार्षद प्रेमरतन जोशी, नागेश्वर जोशी, ब्रजगोपाल जोशी, गिरिराज जोशी शब्दश्री संस्थान से कवयित्री प्रमिला गंगल, मोनिका गौड, सुधा आचार्य, ऑसो मित्र मंडली, डॉ.प्रकाश वर्मा, कृष्णा वर्मा, मधुरिमासिंह, डॉ.एस एन. हर्ष, डॉ.बसंती हर्ष आदि ने पुष्पमालाएं, शॉल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह आदि भेंटकर कवयित्री के सृजन का सम्मान किया गया । सभी अतिथियों को संस्थान की तरफ से स्मृतिचिन्ह अर्पित किए, संस्थान की ओर से सम्पादक, व्यंग्यकार अजय जोशी, ज्ञानेश्वर सोनी एवं संजय आचार्य ‘वरुण’ का माला, शॉल, स्मृति चिन्ह अर्पित कर सम्मान किया गया । कवयित्री ने ‘उडने को तैयार मन’ काव्य संग्रह की प्रति कवि-आलोचक डॉ.नन्दकिशोर आचार्य, अपने पति शिवशंकर व्यास, कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकर, व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा, चन्द्रशेखर जोशी, श्रीमती कमला शर्मा, कमल रंगा को भेंट की । कार्यक्रम में पूर्व सरपंच रामकिशन आचार्य, पूर्व सभापति चतुर्भुज व्यास, सरल विशारद, विशन मतवाला, महेन्द्र जैन, पूर्णमल राखेचा, नदीम अहमद नदीम, नवनीत पांडे, नीरज दइया, प्रमोदकुमार चमौली, प्रेमनारायण व्यास, उमाशंकर आचार्य, हरीश बी.शर्मा, विजय जोशी, गौरीशंकर व्यास, भवानीशंकर व्यास, अरविन्द उभा, उषा मोहत्ता, जब्बार अली, डॉ.ब्रजरतन जोशी, हरिकिशन जोशी, सोहनलाल जोशी, दिनेश चावडा, रमेश आचार्य, मइनूदीन कोहरी, इसरार हसन कादरी, जाकिर अदीब, गायत्री शर्मा, गायत्री जोशी, नगेन्द्रनारायण किराडू, दयानन्द शर्मा, संगीता शर्मा, सन्नू हर्ष, अनिल व्यास, चन्द्रशेखर आचार्य, गिरिराज पारीक आदि उपस्थित थे । कार्यक्रम समन्वयक कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया । कार्यक्रम का सफल संचालन कवि-कथाकार संजय आचार्य ‘वरुण’ ने किया ।

राजाराम स्वर्णकार समन्वयक

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