भ्रूण लिंग परीक्षण के आरोपी दलाल की जमानत याचिका खारिज

बीकानेर। राज्य पीसीपीएनडीटी दल की 115वीं डिकॉय कार्यवाही में पकड़े गए भ्रूण लिंग परीक्षण के आरोपी दलाल इमरान खान की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। सोमवार को माननीय विशिष्ट न्यायालय पीसीपीएनडीटी मामलात, बीकानेर द्वारा आरोपी के कृत्य को समाज के विरुद्ध घृणित अपराध की श्रेणी में मानते हुए इसे जमानत के लायक नहीं माना और 21 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
सीएमएचओ डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि गर्भस्थ शिशु के फर्जी तरीके से लिंग परीक्षण की दलाली के आरोपी लूणकरणसर निवासी इमरान खान (29) को पीसीपीएनडीटी ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (पीबीआई) की टीम द्वारा अनुसंधान अधिकारी पुलिस निरीक्षक श्रीराम बडसरा के नेतृत्व में माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। एपीपी विष्णु स्वामी द्वारा सरकार की तरफ से पैरवी करते हुए आरोपी के कृत्य को समाज के ताने-बाने के खिलाफ बड़ा जघन्य व घृणित अपराध बताया और आरोपी को सख्त सजा की वकालत की। दोनों पक्षों को सुनने के उपरान्त माननीय न्यायालय ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए उसे 21 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दे दिए। मौके पर डेपरक्षक कांस्टेबल देवेन्द्र सिंह, पीसीपीएनडीटी समन्वयक बीकानेर महेंद्र सिंह चारण, सीकर के नंदलाल पूनियां, बाड़मेर के विक्रम सिंह चम्पावत व आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं स्वास्थ्य सचिव नवीन जैन के निर्देश पर रविवार को हुए राज्य के 115 वें डिकॉय ऑपरेशन में ट्रेप हुए आरोपी दलाल ने सादुलगंज स्थित ओके सोनोग्राफी सेंटर पर सामान्य सोनोग्राफी करवाकर मनगढंत तरीके से भ्रूण लिंग जांच की जानकारी दी थी।

दूर तक फैले हो सकते हैं इमरान के तार
जिला पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ प्रभारी महेंद्र सिंह चारण ने बताया कि आरोपी से हुई पूछताछ के आधार पर बारीकी से जांच की जाएगी तथा कॉल डिटेल्स के आधार पर आगामी कार्यवाही की जाएगी। उक्त दलाल निजी अस्पतालों व डायग्नोस्टिक सेंटरों के लिए तथाकथित पीआरओ का काम करता था। ग्रामीण क्षेत्रों से गर्भवतियों को शहर लाकर सोनोग्राफी तो करवाता ही था तो भ्रूण के अवैध लिंग परीक्षण में संलिप्तता की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। सीएमएचओ डॉ. चौधरी ने बताया कि पूछताछ अनुसंधान के अनुसार इमरान से कई महत्वपूर्ण सूचनाएं अनुसंधान टीम को प्राप्त हुई हैं जिसके आधार पर जांच अधिकारी द्वारा गहन पड़ताल कर संदिग्ध केन्द्रों पर कार्यवाही की जाएगी।

– मोहन थानवी

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