रुंडेडा बगरू पर मरी हजारों मछलियां

दुर्गंध से मोहल्ले वासियों को रहना हो रहा है दुश्वार
मोहल्लेवासियों में बीमारी फैलने का सता रहा है डर
वल्लभनगर तहसील के भिंडर पंचायत समिति की रुंडेडा ग्राम पंचायत का है मामला
प्रशासन जानबूझकर बना अनजान

मेनार || वल्लभनगर तहसील की भिंडर पंचायत समिति की रुंडेडा गांव के बगरु स्थित जलाशय का पानी जहरीला हो गया है। तड़प-तड़प कर हजारों मछलियों ने दम तोड़ दिया। जलाशय व उसके पास बगरु चौराहे के मोहल्लेवासी मौके पर पहुंचे तो उन्हें हर तरफ बड़ी-बड़ी मछलियां मरी नजर आईं। ग्रामीणों द्वारा वल्लभनगर थाना पुलिस को भी इस बारे में सूचित किया गया |

हमारी पड़ताल में सामने आया की तालाब के पास कई निजी कॉलोनियां विकसित हुई हैं, जिनका गंदा पानी तालाब में छोड़ा जा रहा है। केमिकलयुक्त पानी जलीय जीवों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। सूत्रों की माने तो तालाब का पानी अपना रंग बदल चुका है और मछलियां इसी जहरीले पानी के कारण मरी है। वही ग्रामीणों की मानें तो यह घटना इस बार ही नहीं अपितु गत वर्ष भी हुई थी प्रशासन को भी ग्रामीणों द्वारा सूचित किया गया था लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई इसी कारण असामाजिक तत्वों द्वारा इस घटना को दोबारा अंजाम दिया गया है | ग्रामीणों का आरोप है कि किसी असामाजिक तत्वों द्वारा बारकोड के टोटा छोड़ कर इस घटना को अंजाम दिया गया है, ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची वल्लभनगर पुलिस ने भी मौका-ए-वारदात से बारकोड के टोटके तार बरामद किए हैं |

पानी हुआ काला

जलाशय का पूरा पानी काला हो चुका है, जो स्थानीय कॉलोनियों के गंदे पानी की वजह से ही संभव है। जानकारों के मुताबिक हल्का हरा पानी शुद्ध होता है, जबकि काला और गहरा हरा खराब।

ये है मछली मरने का कारण

ग्रामीणों की मानें तो यह घटना इस बार ही नहीं अपितु गत वर्ष भी हुई थी प्रशासन को भी ग्रामीणों द्वारा सूचित किया गया था लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई इसी कारण असामाजिक तत्वों द्वारा इस घटना को दोबारा अंजाम दिया गया है | ग्रामीणों का आरोप है कि किसी असामाजिक तत्वों द्वारा बारकोड के टोटा छोड़ कर इस घटना को अंजाम दिया गया है, ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची वल्लभनगर पुलिस ने भी मौका-ए-वारदात से बारकोड के टोटके तार बरामद किए हैं | मछली पालन विभाग के जानकार सूत्रों के के अनुसार कॉलोनियों से निकलने वाले पानी में इंफेक्टिसाइट, पेस्टीसाइड की मात्रा अधिक है जो जलीय जीवों के लिए हानिकारक है। बीते 3 दिन से शहर बादलों से ढका रहा। सूरज की रोशनी तालाबों तक नहीं पहुंची जिसके प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बाति होती है। इसकी वजह से पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। कुछ मछलियों के मरने से फैले संक्रमण के चलते बाकी मछलियां मर गई हों।

इनका कहना है:-

विकास अधिकारी को अवगत कराओ मैं भी उन्हें अवगत कराता हूं यह उन्हीं के क्षेत्र का मामला है, यदि इस तरह की बात है तो कार्रवाई करवाई जाएगी

उपखंड अधिकारी वल्लभनगर ,अनिल शर्मा

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