आज बीकानेर के ऐतिहासिक किले का गिरने का खतरा बढ गया है। दो दिन तक बरसाती पानी से किले की ऐतिहासिक दिवार को ढहाकर पानी से खाई को लबालब भर दिया गया तथा उसमें शहर का गंदा पानी पिछले तीन दिन से किले की खाई में डाला जा रहा है, जिसके कारण किले की दोहरी खाई में दरारे आ गई है। यदि प्रशासन ने शहर का गंदा पानी किले की खाई में जाने से नहीं रोका तो जूनागढ़ किले का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा।
जूनागढ़ के खतरे के कारण बीकानेर के सभ्रान्त नागरिक, पर्यावरण प्रेमी, इतिहासकार, साहित्यकार, रंगकर्मी, पुरातत्वविद, पत्रकार और इन्टेक (भारतीय विरासत) के सदस्य बहुत चिंतित है।
इन्टेक के कनवीनर पृथ्वीराज रतनू ने जिला प्रशासन से तुरंत कार्यवाही करके जूनागढ़ किले में गिरने वाले गन्दे पानी को रोकने का आग्रह किया है। अन्यथा मजबूरन बीकानेर की जनता को आन्दोलन करना पड़ेगा।
आज इन्टेक की आपात बैठक में डॉ. नन्दलाल वर्मा, समाज सेवी सुनील बांठिया, ऐडवोकेट शंकरलाल हर्ष, रोटे. मनमोहन कल्याणी, रोटे. अरुण प्रकाश गुप्ता, ऐडवोकेट ओ.पी. शर्मा, शिक्षाविद एम.एल जांगिड़, मनमोहन यादव, पूर्व जनसंपर्क अधिकारी दिनेश सक्सेना, भंवर सिंह भेलू, नरेन्द्र सिंह बीका, अरविन्द सिंह राठौड़, शान्तिलाल सेठिया, हिंगलाज रतनू आदि अनेक सदस्यों ने बैठक में भाग लेकर चिंता जाहिर की है।
पृथ्वीराज रतनू
कनवीनर
इन्टैक, बीकानेर चैपटर