83 अस्पतालों में 2,361 गर्भवतियों की हुई प्रसव पूर्व जांचें
13 निजी गायनेकोलोजिस्ट ने दी निःशुल्क सेवाएं
फल, गुड और चने वितरित कर दिया पोषण का सन्देश
बीकानेर। मातृ-शिशु मृत्यु पर नियंत्रण के सबसे विशाल कार्यक्रम के रूप में सोमवार को पूरे देश के साथ बीकानेर में भी प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत विशेष एएनसी शिविर आयोजित किए गए। प्रतिमाह 9 तारीख को आयोजित होने वाले इस अभियान को इस बार राजकीय अवकाश होने के कारण 10 को आयोजित किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एल. मीणा ने बताया कि समस्त सीएचसी, पीएचसी, यूपीएचसी, शहरी डिस्पेंसरी और जिला अस्पताल सहित जिले भर के 83 अस्पतालों में चिकित्सकों द्वारा कुल 2,361 गर्भवतियों की गुणवत्तापूर्ण एएनसी जांचें की गई। गर्भवतियों को वजन, ऊंचाई, पेट की जांच, खून की जांच, हीमोग्लोबिन, रक्तचाप, शुगर, एचआईवी, सिफलिस, ह्रदय स्पंदन, पेशाब की जांच, सोनोग्राफी इत्यादि जांचों सहित आवश्यक औषधियांे की निशुल्क सेवाएं उपलब्ध करायी गई। ये जांचें हाई रिस्क गर्भवतियों की पहचान के लिए कारगर है। मातृ व शिशु मृत्युदर में कमी लाने विशेषकर एनीमिया की जांच कर एनेमिक महिलाओं को आवश्यकतानुसार आयरन की गोलियां, आयरन सुक्रोज इंजेक्शन डोज व ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया गया।
डीपीएम सुशील कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल में अधीक्षक व पीएमओ डॉ. बी.एल. हटीला, डॉ. विजयलक्ष्मी व्यास व डॉ. मेघा द्वारा 111 गर्भवतियों की एएनसी की गई 32 गर्भवतियों की सोनोग्राफी, 33 की एचआईवी और वीडीआरएल जांचें हुई। शहरी यूपीएचसी में 298, खण्ड बीकानेर में 343, श्रीडूंगरगढ़ में 325, नोखा में 482, कोलायत में 325, लूणकरणसर में 359 व खाजूवाला में 118 गर्भवतियों की जांचे हुई। जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुशील कुमार ने बताया कि जिले के 13 निजी गायनेकोलोजिस्ट ने भी पीएमएसएमए अभियान के तहत स्वेच्छा से निःशुल्क सेवाएं देते हुए कुल 312 एएनसी जांचें की गई। बीकानेर में सरीन लैब व लूणकरणसर में धन्वन्तरी अस्पताल के मार्फत निःशुल्क अल्ट्रासाउंड सेवाएं भी उपलब्ध रही।
एक शरीर में 2 जान
पोषण अभियान के तहत जिले के समस्त अस्पतालों पर एएनसी के लिए आई गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं व बच्चों को फल, गुड़, मुरमुरे और चने वितरित किए गए। साथ ही नियमित रूप से संतुलित आहार के बारे में जानकारी दी गई। मौके पर ही भोजन के साप्ताहिक चार्ट बनवाए गए। गर्भवतियों व परिजनों को समझाया गया कि जब एक शरीर में 2 जान हैं तो आहार भी दुगुना पौष्टिक होना चाहिए। आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य ने जानकारी दी कि पूरे भारतवर्ष में सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है जिसके तहत स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनवाड़ी केन्द्रों व पंचायतों पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
बीकानेर