एनआरसीसी ने मनाया महिला किसान दिवस

लाखुसर, लूणखां व पूगल की महिला किसान ने ऊँटनी के दूध उत्पाद निर्माण में दिखाई गहरी रूचि
बीकानेर 15 अक्टूबर, 2018 । भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र में आज महिला किसान दिवस का आयोजन किया गया जिसमें लूणखां एवं लाखुसर, पूगल एवं लूणखां गांवों से करीब 26 महिला किसान ने अपनी सहभागिता निभाई। इस अवसर पर केन्द्र में विभिन्न गतिविधियों, एवं प्रषिक्षण कार्यक्रम तथा प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।
इस अवसर पर अतिथि वक्ता डॉ.नीलम भार्गव, वरिष्ठ परामर्षदाता, कोठारी मेडिकल कॉलेज, बीकानेर ने महिलाओं को ‘‘सामान्य बीमारियां: उपचार एवं निदान‘‘ विषयक व्याख्यान पर जानकारी देते हुए कहा कि खेती एवं पशुधन कार्याें से संबंद्ध कार्याें के साथ-साथ उन्हें अपने व परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल का भी दायित्व होता है। ऐसे में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता आदि सामान्य जानकारियां होनी आवष्यक है ताकि न केवल पशुओं से सही उत्पादन प्राप्त कर सके अपितु स्वयं व परिवार को भी स्वस्थ रखने में सक्षम बन सके।
इस अवसर पर अतिथि वक्ता डॉ.निर्मला सैनी, प्रधान वैज्ञानिक, के.भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान,बीकानेर ने ‘‘पशुधनःपोषण एवं प्रबन्धन‘‘ विषयक व्याख्यान में कहा कि पशु की उचित देखभाल हेतु उसके खान-पान के साथ-साथ पशु प्रजनन, उसके आवास आदि की ओर भी विषेष ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि पषुधन से वांछित उत्पादन लिया जा सके।
महिला किसान दिवस के मौके पर ‘महिला वैज्ञानिक एवं महिला किसान संवाद का कार्यक्रम भी रखा गया जिसमें प्रतिभागी महिला किसानों ने फील्ड में खेती एवं पशुधन से जुड़ी अपनी समस्याओं यथा- दूध कम उतरना, थनों में सूजन, पशु द्वारा ईंट-पत्थर चबाना आदि को सामने रखा जिनका उचित निराकरण प्रस्तुत कर महत्वपूर्ण जानकारी भी दी गई। संवाद कार्यक्रम में पूगल की एक 70 वर्षीय महिला किसान शान्ति ने ऊँटनी के दूध के नियमित सेवन की बात कहते हुए इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का अपने स्वास्थ्य से जुड़ा अनुभव भी साझा किया। महिला किसानों ने केन्द्र के उष्ट्र संग्रहालय का भ्रमण भी किया साथ ही उष्ट्र दुग्ध से नव निर्मित उत्पाद-आइसक्रीम भी इनके समक्ष परोसी गई जिनकी उन्होंने भूरि-भूरि प्रषंसा की।
महिला किसानों के समक्ष एनआरसीसी के वैज्ञानिकों ने ऊँटनी के दूध से तैयार उत्पाद बनाने की विधि का प्रदर्षन कर उन्हें उत्पादों के प्रसंस्करण एवं स्वच्छ दूध उत्पादन संबंधी जानकारी दी गई। वहीं इस अवसर पर आयोजित रंगोली प्रतियोगिता की विजेता महिला किसानों को प्रोत्साहन स्वरूप पारितोषिक एवं प्रषिक्षण संबंधी प्रमाण पत्र भी दिए गए।

(बसंती ज्योत्सना)
वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम समन्वयक

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