समणी आदित्यप्रज्ञा के प्रथम जन्म दिवस पर की सामूहिक समायिक

गंगाशहर। समणी आदित्यप्रज्ञा के समणी दीक्षा के बाद प्रथम जन्म दिवस आने पर उनके परिजनों ने नाल से नैतिकता का शक्तिपीठ पहंुचकर सामूहिक समायिक की। उल्लेखनीय है कि नाल के गुलगुलिया परिवार की कन्या मुमुक्षु आरती की दीक्षा पिछली 11 नवम्बर, 2018 को आचार्यश्री महाश्रमणजी के कर कमलों से चैन्नई में सम्पन्न हुई थी। इस दीक्षा के बाद इनका नामकरण समणी आदित्यप्रज्ञा हो गया। नाल निवासी विमल गुलगुलिया एवं मंजू देवी गुलगुलिया के परिजन आचार्य तुलसी समाधी स्थल पहंुचकर संयम एवं समता की साधना की तथा नैतिकता का शक्तिपीठ पर विराजित शासनश्री मुनिश्री मणीलालजी के दर्शन कर मंगल पाठ सुना। यह प्रथम बार हुआ है कि किसी चारित्रात्माओं के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में उनके परिजन आध्यात्मिक साधना करने पहुुंचे। इस अवसर पर साध्वी विशद्प्रज्ञा जी एवं साध्वी मधुरप्रज्ञा जी भी मुनिश्री से पक्खी के खमतखामणा हेतु नैतिकता का शक्तिपीठ पधारे हुए थे। उन्होंने शासनश्री मुनिश्री मणिलालजी एवं मुनिश्री कुशकुमारजी से क्षमतक्षामना किया। मुनिवृन्दों ने भी साध्वीवृन्द से क्षमतक्षामना किया।
विनीत बोथरा मीडिया प्रभारी

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