हवन के साथ भागवत कथा की पूर्णाहुति

बीकानेर। स्थानीय अग्रसेन भवन में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा की पूर्णाहुति पर हवन व विशाल भंडारे का आयोजन किया गया । समापन पर बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। इससे पूर्व हुलाशचंद अग्रवाल,हुलाशचंद अग्रवाल, राजेन्द,नरेन्द्र,अरूण अग्रवाल,ताराचंद अग्रवाल ने सपत्निक हवन किया गया। इस दौरान सबसे पहले कथा वाचिका व उनके सहयोगियों ने हवन किया। उसके बाद यज्ञ में शामिल यजमानों ने हवन किया। इसके उपरांत यज्ञ में आए सैकड़ों लोगों ने आहुति देकर सुख, समृद्धि व शांति की कामना की। कथा वाचक किशोरी जी महाराज ने कहा कि किसी भी यज्ञ के होने से मानव में आयी विकृतियां अपने आप दूर हो जाती है। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के माध्यम से समाज में एकजुटता आती है। हवन करने से देवता प्रसन्न होकर मानव का कल्याण करते हैं। महाराज श्री ने कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमण्डल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्थाऐं जागृत होती हैं। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद् भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। गुरु का नाम जपने मात्र से ही तमाम पापों का नाश हो जाता है। अगर भक्त अपने गुरु की पूजा सच्चे मन से करें तो उनका उद्धार हो जाता है। उन्होंने कहा कि सृष्टि के पूर्व, वर्तमान व भविष्य में केवल उन्हीं का अस्तित्व विद्यमान रहता है। ईश्वर सतरूप होते हुए भी सत्य से परे हैं।

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