आज यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आव्हान पर बैंक ऑफ बड़ौदा में देना बैंक व विजया बैंक के विलय के सरकारी निर्णय के खिलाफ नौ अधिकारी व कर्मचारी एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल पर रहे। बीकानेर मेंा 10.30 बजे ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पब्लिक पार्क स्थित प्रशासकीय कार्यालय के समक्ष बैंक कर्मी एकत्रित होने प्रारंभ हुए व प्रदर्शन किया। वित्त मंत्री व प्रधानमंत्री को खिलाफ नारेबाजी की गई।
प्रदर्शनकारियों को यू.एफ.बी.यू. के संयोजक वाई.के. शर्मा ‘योगी’, अधिकारी संगठन के आईवोक जितेन्द्र माथुर, राजीव गुप्ता, ए.आई.बी.ई.ए. के एस.के. आचार्य, सीताराम कच्छावा, आनन्द शुक्ला, एन.सी.बी.ई. के पवन सिंघल व फैयाज अहमदा ने सम्बोधित किया। प्रदर्शनकारी जुलुस के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहूंचे। जुलुस का नेतृत्व बैेंक ऑफ बड़ौदा के रामदेव राठौड़, विजया बैंक के सुरेन्द्र उपाध्याय व देना बैंक के अक्षय व्यास ने किया।
यू.एफ.बी.यू. के जिला संयोजक वाई.के शर्मा ‘योगी’ा ने बतलाया ािक हड़ताल मे ंएस.बी.आई. यूको बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा देना बैंक, विजया बैंक, ओ.बी.सी. सेन्ट्रल बैंक, इलाहाबाद बंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन बैंक, सिंडीकेट बैंका, कैनरा बैंका, कॉरपोेशन बैंक, यूनियन बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इण्डिया, बैंक ऑफ इण्डिया आदि के 20 से अधिक कर्मचारियो ंने भाग लिया। आज की हड़ताल के कारण लगभग 100 करोड़ से अधिक का बैंक का परस्पर लेन देन नहीं हो सका। वहीं 1200 इन्स्ट्रूमेंटस (चैक, ड्राफ्ट) के भुगतान व जमा नहीं हो सके। सरकार अपनी वित्तीय असफलताओं को छुपाने के लिए इस प्रकार के विलय के कदम उठा रही है। 2 वर्ष पूव में सहयोगी बैंकां क एस.बी.आई. बैंक मे विलय किया गया था, पहले वर्ष ही एस.बी.आई. घाटे में रही वहीं ग्राहक सेवाएं भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुईं। सरकार का रवैया बैंक कर्मियो ंके प्रति वेतन समझौते को लेकर ही भी उपेक्षापूर्ण रहा है। यदि यही स्थ्तिियां रही तो बैंक कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं।
वाई.के. शर्मा ‘‘योगी’’
संयोजक