गोविंदसिंह को मिला काव्य गोष्ठी सम्मान

काव्य संगोष्ठी भागावड़ में आयोजित
जन जन धन्य धरा भागावड़ जनयो गोविंद सो
तुम्हारी याद हर मौसम में रौनक बढाती है

साहित्यकार व काव्य गोष्ठी मंच कांकरोली के तत्वावधान में काव्य गोष्ठी का आयोजन भागावड़ में गोविंद निवास पर कवि अफजल खां अफजल की अध्यक्षता तथा प्रमोद सनाढ्य के मुख्य अतिथि में आयोजित किया गया। विशिष्ट अतिथि जसवंत सिंह मण्डावर, शेख अब्दुल हमीद, नारायणसिंह राव निराकार थे। इस अवसर पर दिव्यांग कवि गोविन्द सिंह को धर्मपत्नी ओमवती कंवर को काव्य गोष्ठी मंच की ओर से सम्मान प्रदान किया। काव्य गोष्ठी का शुभारंभ प्रमोद सनाढ्य ने सरस्वती वंदना कर किया। अफजल खां अफजल ने तुम्हारी याद हर मौसम में रौनक बढ़ाती है कविता से जोरदार आगाज किया। हेमेंद्र सिंह चौहान ने हा हुकुम आपकी भी उधार बंद है व ये जिंदगी ने महफील को जमाया। जसवंत लाल खटीक ने मृत्युभोज क्यों खा रहे हो सामाजिक सुधार कविता सुनाई। गोविंद सिंह चौहान ने सहमी सी रात में सुना आकाश है मेरा कविता के माध्यम से संघर्षमय जीवन को बताया। नारायण सिंह राव ने जन जन धन्य धरा भागावड़ जनयो गोविंद सो वीर व ह्रदय के घाव बहुत हरे है कविता के माध्यम से खूब तालिया बटोरी। प्रमोद सनाढ्य ने मधुशाला वाचन किया। ज्योत्सना पोकरना ने ईश्वर अपने साथ ही, डरने की क्या बात है व यही जिंदगानी है गाकर खूब समां बांधा। शेख अब्दुल हमीद ने ने आदमी में यह बीमारी कैसे आ गई , दिल किसी का दुखाया तो नही व लाख समझाया फिर भी कमी रह गई गजलों पर खूब वाह वाही लूटी। संचालन सूर्य प्रकाश दीक्षित ने किया और मिट्टी हूँ एक दिन मिट्टी में मिल जाऊंगा गजल सुनाई। आभार दिव्यांग कवि गोविंद सिंह चौहान ने जताया।

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