स्वर्णप्राशन संस्कार के तहत 400 से अधिक बच्चों ने गटकी दवा

बीकानेर, 17 फरवरी। पुष्य नक्षत्र के अवसर पर बुधवार को हमारा उन्नति संस्थान और आरोग्य भारती के संयुक्त तत्वावधान् में संस्कृति आर्य गुरुकुलम्, राजकोट के सहयोग से पांचवां स्वर्णप्राशन संस्कार दवा वितरण कार्यक्रम लक्ष्मीनाथ मंदिर स्थित सत्संग भवन में रविवार को आयोजित किया गया। इस दौरान 8 वर्ष तक के 400 से अधिक बच्चों को स्वर्णप्राशन की दवा निःशुल्क दी गई।
संयोजक मधुसूदन व्यास ने बताया कि वैद्य गौरी शंकर शर्मा के सान्निध्य में इसका आयोजन किया गया। वैद्य शर्मा ने बताया कि स्वर्णप्राशन हमारे 16 संस्कारों में से एक है। जिस प्रकार टीकाकरण होता है, उसी प्रकार आयुर्वेद में स्वर्णप्राशन होता है। स्वर्ण भस्म को शुद्ध करते हुए देशी गाय का घी, शहद, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, अश्वगंघा और वचा आदि को देशी गाय के दूध के साथ मिलाकर लिक्विड बनाया जाता है। केसरीचंद पुरोहित ने बताया कि यह बच्चों में इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ानेए मौसमी बीमारियों एवं भविष्य में होने वाले रोगों से भी बचाता है। शारीरिक और मानसिक विकास के साथ पाचन भी ठीक रहता है। हिमांशु व्यास ने बताया कि पांच वर्ष तक के बच्चे को एक 6 से 10 वर्ष तक के बच्चे को दो और 11 से 16 वर्ष तक के बच्चे को तीन बूंद दे सकते हैं।
इस अवसर पर गौ ग्राम स्वावलम्बन संस्थान की ओर से पंचगव्य से निर्मित धूपबत्ती, गोआहार लड्डू, नस्यघी आदि का प्रदर्शन और विक्रय किया गया। इस दौरान गोरधन सारस्वत, निर्मल बरड़िया, गोरधन सारस्वत, रामनिवास और मनोज छींपा आदि मौजूद रहे।

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