5 आरोपी एक माह गुजर जाने पर भी पुलिस गिरफ्त से बाहर

फिरोज़ खान
बारां 7 अप्रैल । छबड़ा के पत्रकार पंकज त्रिवेदी के पुत्र युवराज त्रिवेदी के ऊपर गत दिनों प्राणघातक हमला कर गम्भीर रूप से घायल कर दिया था । इस घटना के आरोपियों की एक माह गुज़र जाने के बाद गिरप्तारी नही की गई थी । इसको लेकर आईएफडब्ल्यूजे बारां के सभी पत्रकरो में रोष व्याप्त था । इसको लेकर पूर्व में ज्ञापन देकर मांग की गई थी । मगर कोई गिरप्तारी नही हुई । आईएफडब्ल्यूजे के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह राठौड़ व बारां जिलाध्यक्ष फिरोज़ खान ने जिला पुलिस अधीक्षक बारां व डिप्टी छबड़ा से बातकर उक्त आरोपियों को तुरंत गिरप्तार करने की मांग की थी । वही रविवार को आईएफडब्ल्यूजे ब्लॉक अध्यक्ष नरेंद्र पारेता के नेतृत्व में थानाधिकारी ताराचंद वर्मा छबड़ा को ज्ञापन देकर गिरप्तार करने की मांग की साथ ही चेतावनी दी कि अगर तुरन्त गिरप्तारी नही हुई तो आईएफडब्ल्यूजे के सभी साथी धरना व प्रदर्शन करेंगे । इसको लेकर उन्होंने संगठन को आस्वस्त करते हुए कहा कि इस मामले को में खुद देखते हुए 9 अप्रैल तक गिरप्तार कर लिया जावेगा । ज्ञापन देने वालो में सीपी गेरा, पंकज त्रिवेदी, जमील खान , जितेंद्र सोनी, फारुख खान, रामभरोस भार्गव, विनय तिवारी, देवा आदि पत्रकार शामिल थे । असामाजिक तत्वों के होंसले इतने बुलंद है, कि रास्ते चलते सीधे सच्चे व्यक्ति को रोक कर पांच जने एक साथ मिल कर प्राणघातक हमला करते है । जिसमे फरियादी के सर में गंभीर चोट आ जाती है । और हाथों से गर्दन दबाने के निशान भी नजर आते है दोनों हाथों की कोनियो पर भी नीचे गिराने पर काफी मार आती है।

यह है मामला
मामला 5 मार्च दिन के 3 बजे का है। फरियादी युवराज त्रिवेदी अपनी मोटरसाइकिल में पेट्रोल भराने जा रहा था तभी रास्ते मे रामबाबू शर्मा व उसके तीन पुत्र व एक व्यक्ति ओर जो कि वो अपने आप को इनका मिलने वाला बताता है। कुल मिला कर पांच जनो ने पत्रकार पंकज त्रिवेदी के पुत्र पर धारदार हथीयारों व लठ व लोहे के पाइप से प्राणघातक ताबड़तोड़ हमला कर दिया। जिससे प्रार्थी के गंभीर चोटें आई व प्रार्थी का सिर फट गया और गले हाथ व पैरो पर कई गंभीर चोटें आईं । प्रार्थी युवराज को उक्त आरोपियों ने तलवार लाकर जान से मारने की पुर जोर कोशिश की प्रार्थी के पिता पंकज त्रिवेदी ने छबड़ा आदर्श थाना पहुंचकर पांचों आरोपियों की रिपोर्ट दर्ज कराई । जिस पर थानाअधिकारी ने भारतीय दंड सहिंता की धारा 307, 341, 323, 34 में प्रकरण दर्ज कर जाँच करने हेतु जांच अधिकारी रामचंद्र मीणा को नियुक्त किया । जांच अधिकारी ने जांच करने हेतु नक्शा मौका मायना भी गवाहों के सामने आकर किया प्रार्थी के खून से रंगे कपड़े भी जांच अधिकारी को माँगने पर उपलब्ध करवाए व जांच अधिकारी श्री रामचन्द्र मीणा ने जमीन पर गिरा हुआ प्रार्थी के खून से रंगी हुई धुल का एक सैम्पल ओर एक उसी जगह से साफ धुल का एक सैंपल भी पुलिस जांच अधिकारी उठाकर दो पॉलीथिन की थैली में रखकर ले गए । डॉक्टर श्री भूपेंद्र जी मीणा ने भी मेडिकल रिपार्ट तैयार कर दी और एक्स.रे. भी हो चुका है। मगर घटना के एक माह पूर्व भी आरोपी खुलेआम घुम रहे है। ओर पुलिस का कोई खोफ नही है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया मगर उसे भी 151 में पाबंद करके छोड़ दिया गया । जब संबाददाता ने अधिकारी से इस बात को लेकर जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि हां छोड़ दिया । दोबारा से गिरफ्तार करेंगे और बात खत्म कर दी मेडिकल रिपोर्ट तैयार है । मगर पुलिस तरह तरह के बहाने बाजी कर के मामले को लंबा कर रही है। इससे पुलिस की कार्यवाही पर संदेह होता है। आई.एफ.डब्ल्यू.जे. ने इस घटना की कड़ी नींदा करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर उचित कार्यवाही की मांग की है। तथा 12/03/2019 को IFWJ के छबड़ा ब्लॉक अध्यक्ष नरेन्द्र पारेता के नेतृत्व में डी.वाई. एस.पी छबड़ा को आरोपियों की शीघ्र अतिशीघ्र गिरफ्तारी के लिए ज्ञापन भी दिया जा चुका है । बाबजूद इसके अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई है। क्यो क्या कारण है कि मेडिकल रिपोर्ट के अभी तक न मिलने का नाम लेकर मामले को लंबा किया जा रहा था । मगर दिनांक 13/03/2019 को ले ली गयी है । 09/03/2019 को दिन में पंकज त्रिवेदी के पास जांच अधिकारी रामचंद्र मीणा का फोन आया ओर कहा गया कि आप डॉक्टर साहब से जाकर मिले और जांच रिपोर्ट की कहे इस पर पंकज त्रिवेदी ने कहा कि डॉक्टर ने रिपोर्ट कब की तैयार कर दी है। मगर वो पुलिस को ही देंगे मेडिकल रिपोर्ट से संबंधित कोई भी जानकारी में आपको प्राइवेट नही बता सकता । ना ही में देने जाऊँगा वो अभी आ जाए ओर अभी ले जाए ऐसा डॉक्टर ने कहा मेने तो मेरा काम कब का ही कर दिया । जिन व्यक्तियों के सामने प्रार्थी के साथ मारपीट हुई उन्होंने भी स्वीकारा ओर पुलिस जांच अधिकारी को अपना आईडी प्रूफ देकर गवाहों ने भी लिखित में अपने हस्ताक्षर कर बयान दिए कि हाँ युवराज त्रिवेदी के उपर हमारे सामने प्राणघातक हमला किया गया। इतना सब कुछ स्पष्ट होने के बाबजूद भी मामले को रफा दफा या लंबा क्यों किया जा रहा है। यह बात विचारणीय है। इससे क्या स्पष्ट होता है। पीड़ित परिवार भयभीत है। ओर पुलिस के उच्च स्तरीय अधिकारियों से शीघ्र अतिशीघ्र आरोपियों को गिरफ्तार करने की प्रार्थना कर रहा है। अगर ऐसा नही हुआ तो आई,एफ,डब्ल्यू,जे आगे भी अपनी बात को जयपुर तक अपने संगठन के समक्ष रखेगा। जबकि प्रार्थी की आरोपियों से न कोई जाति दुश्मनी है। नाही ही कोई जमीन जाय जाद का मामला है और ना ही कोई लेनदेन का मामला है। न कोई पुरानी रंजिश है। फिर भी आरोपियों का केवल एक ही मकसद है। की प्रार्थी को अपनी दादागिरी व दबंगाई दिखाते हुए भयभीत करना है।

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