बीकानेर, 31 जुलाई। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष तथा संभागीय आयुक्त हनुमान सहाय मीना ने कहा कि राजस्थानी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं।
मीना बुधवार को अपने कक्ष में अकादमी गतिविधियों के संबंध में दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थानी अत्यंत समृद्ध भाषा है, आवश्यकता इस बात की है कि इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए समन्वित प्रयास किए जाएं। विशेषकर युवाओं को राजस्थानी में लिखने व बोलने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित किया जाए। राजस्थानी लोक कला एवं संस्कृति बढ़ावा देने की दिशा में लोक कलाकारों एवं संस्कृति कर्मियों के सहयोग से कार्य करें। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा में लोकगीतों का विशाल खजाना है, लोक गीतों में प्रदेश की सामाजिक और धार्मिक परम्पराओं का बहुत सुन्दर वर्णन मिलता है। उन्होंने बताया कि अकादमी की मुख पत्रिका जागती जोत का सितम्बर-अक्टूबर अंक महाकवि कन्हैयालाल सेठिया की स्मृति मंे विशेषांक के रूप में प्रकाशित किया जायेगा।
अकादमी सचिव शरद केवलिया ने बताया कि अकादमी द्वारा निकट भविष्य में जिले के विद्यालयों-महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की राजस्थानी भाषा में निबन्ध व भाषण प्रतियोगिता करवाई जायेगी व राजस्थानी भाषा के दिवंगत साहित्यकारों की जयन्ती-पुण्यतिथि पर संगोष्ठियों का आयोजन किया जायेगा। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक सांख्यिकी इंदीवर दूबे मौजूद थे।