सिन्धु सभा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक का शुभारंभ
29 फरवरी-पूज्य गुरूनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के कार्यक्रम देश भर में आयोजित किये जा रहे हैं उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर संगठन के कार्यकर्ता सामाजिक दायित्व निर्वहन करें व सबकों साथ लेकर कार्य करें ऐसे मार्गदर्शन भारतीय सिन्धु सभा की दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की हरीशेवा धाम, भीलवाडा में आयोजित बैठक के उदघाटन सत्र में मार्गदर्शक माननीय कैलाशचन्द जी ने कहे। उन्होने कहा कि परिश्रम से अर्जित कर मिलकर खायें और सेवा कार्य करें। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष, माननीय दतोपंत जी ठेगडी के शताब्दी वर्ष में सामाजिक समरसता के साथ स्वदेशी का भाव जगाने की प्रेरणा के विचार रखे। उन्होने मजदूर क्षेत्र से लेकर समाज के सभी वर्गों को जोडने की प्रेरणा भी दी। जलियावाला बाग के 100 वर्ष पूर्ण होने पर त्याग की भावना जागृत करना व ऐसे अवसर पर संकल्प लें कि सिन्ध को प्राप्त करना है जहां वेदो की रचना हुई।
बैठक में श्री लधाराम नागवाणी, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि सभा का गठन 29 मार्च 1979 में हुआ था और देश के प्रमुख कार्यकर्ताओं ने निरंतर प्रवास कर संगठन को समाज के सहयोग से जोडा है और आज देश भर में 319 से अधिक सक्रिय ईकाईयां कार्यरत है। उन्होने नागरिक संशोधन अधिनियम का लाभ सिन्ध से आये प्रताडित नागरिकों को दिलाने के लिये भारत सरकार का आभार प्रकट करते हुये कहा कि संगठन का प्रयास है कि सभी को कार्यवाही पूर्ण कर नागरिकता दिलवाई जाये व भारत सरकार उनके रोजगार के भी अवसर प्रदान करे। युवाओं को प्रशासनिक पदों से जोडने के लिये भाषा से जोडा जा रहा है जिसके परिणाम सकारात्मक आ रहे हैं। बैठक की अध्यक्षता करते हुये प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी ने कहा कि राजस्थान में सदस्यता अभियान चलाकर समाज के हर वर्ग को जोडने का कार्य हुआ है। संगठन राष्ट्र, समाज व परिवार की चिंता कर मजबूत हुआ है। प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने वार्षिक प्रतिवेदन रखते हुये कहा कि बैठक में राज्य के पदाधिकारी, संभाग प्रभारी, जिलाध्यक्ष व जिलामंत्री, महानगर व नगरों के अध्यक्ष मंत्री व संगठन मंत्री के साथ युवा व महिला कार्यकर्ता 182 प्रतिनिधि सम्मिलित हुये हैं। संभाग प्रभारी वीरूमल पुरसवाणी ने स्वागत भाषण व भगवान नथराणी ने आभार प्रकट किया। मंच का संचालन प्रदेश भाषा व साहित्य मंत्री डाॅ. प्रदीप गेहाणी ने किया। संगठन गीत मोहन कोटवाणी, शोभा बंसताणी, मोहिनी साधवाणी ने प्रस्तुत किया। गुलाबचन्द मीरचंदाणी ने सिन्धियत की विशाल प्रदर्शनी सचित्र लगाकर संस्कृति की जानकारी दी। सुरेश कटारिया, मनोहरलाल कालरा, राधाकिशन, गिरधारी ज्ञानाणी, मोहन आलवाणी, घनश्याम हरवाणी, ताराचन्द रामचंदाणी, दीपेश सामनाणी, ओमप्रकाश रोघा, तुलसीदास नथराणी, राजकुमार बालाणी ने भी अपने विचार प्रकट किये।
बैठक में भीलावाडा के कवि डॉ एसके लोहानी ख़ालिस,
जितेन्द्र रन्गलाणी,सुरेश लोन्गवाणी,श्रीमती इन्दिरा गांधी, इन्दु तोलाणी,कविता लोहाणी, ओमप्रकाश गुलाबाणी, चीजनदास फतनाणी,एस.के. लोहाणी, हेमनदास भोजवाणी ने विभिन्न समितियां बनाकर सहयोग प्रदान किया। बैठक में सदस्यता अभियान, संगठन की गतिविधियों, सिन्धी बाल संस्कार शिविरों के साथ सिन्धी सर्टीफिकेट कोर्स की जानकारी, सिन्धु दर्शन यात्रा कार्यक्रम 2020, नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा व किये गये कार्यक्रमों की रिपोर्ट पर चर्चा की गई।
कल 1 मार्च को होगा समापन –
दो दिवसीय बैठक का समापन कल दोपहर 1 बजे से होगा जिसमें महामण्डलेश्वर हंसराम जी उदासीन, हरीशेवा धाम का आर्शीवचन व मार्गदर्शन डाॅ. माया कोडनाणी, राष्ट्रीय अध्यक्ष (महिला), संरक्षक लेखराज माधू के साथ सभा के केन्द्रीय पदाधिकारी देगें।
(महेन्द्र कुमार तीर्थाणी)
प्रदेश महामंत्री,
मो.9414705705