अभियंताओं के पद रिक्त, कागजों में जोन बनाने से कैसे होगा विकास -देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
जयपुर, 13 मार्च।
पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि प्रदेश में स्थानीय निकायों में अभियंताओं के बड़ी संख्या में पद रिक्त पड़े है ऐसे हालातों में सरकार कागजों में जोन बनाकर क्षेत्र का विकास कैसे करा पाएगी। देवनानी ने शुक्रवार को विधानसभा में प्रस्तुत राजस्थान नगर सुधार संशोधन विधेयक 2020 पर बोलते हुए कहा कि सरकार ने यह विधेयक गुलाब कोठारी द्वारा उच्च न्यायालय में लगाई गई जनहित याचिका को पलीता लगाने के लिए प्रस्तुत किया है।
उन्होने कहा कि प्रदेश में 197 स्थानीय निकाय है जबकि ये विधेयक केवल उन निकायों पर लागू होगा जहां की जनसंख्या 1 लाख से अधिक है और एसे निकायों की संख्या प्रदेश में ज्यादा नहीं है। सरकार द्वारा इस विधेयक को लाने के पिछे क्या मंशा है यह स्पष्ट नहीं है।
एडीए में नियमन के लिए धक्के खा रहे क्षेत्रवासी
देवनानी ने विधान सभा में अजमेर विकास प्राधिकरण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि वहां पर कनिष्ठ अभियंताओं के 33 में से मात्र 9 पद भरे हुए है ऐसे में एडीए के तीन जोन में 3-3 कनिष्ठ अभियंताओं के भरौसे कैसे काम चलेगा। उन्होंने एडीए में वर्तमान में 40 हजार से अधिक नियमन के प्रकरण लम्बित बताते हुए कहा कि एडीए प्रशासन चाहता तो जो क्षेत्र नये मास्टर प्लान से प्रभावित नहीं हो रहे है तथा पूर्व मास्टर प्लान में आवासीय व कृषि भूमि क्षेत्र है वहां के नियमन तो किये जा सकते थे परन्तु एडीए के अधिकारियों ने गुलाब कोठारी की पीआईएल की आड में नियमन के किसी प्रकरण को हाथ तक नहीं लगाया है जबकि जनता एडीए के चक्कर काट-काट कर थक चुकी है। उन्होंने मास्टर प्लान 2033 के क्रम में क्षेत्रवासियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा दी गई आपत्तियों का शीघ्र निस्तारण करवाकर इसे लागू कराये जाने की आवश्यकता बताई।
देवनानी ने एडीए की महाराणा प्रताप नगर, बी.के.कौल नगर, हरिभाउ उपाध्याय नगर, कोटड़ा, डीडी पुरम, ई-ब्लाॅक, पृथ्वीराज नगर सहित विभिन्न आवासीय योजनाओं में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराये जाने का विषय उठाते हुए कहा कि सड़क, नाली, बिजली जैसी सुविधाओं के अभाव के साथ ही एडीए द्वारा वहां पर पेयजल आपूर्ति के प्रबंध भी नहीं कराये गये है। पृथ्वीराज नगर में 13 साल बाद भी आंवटियों को उनके भूखण्डों के कब्जें नहीं दिये जा सके जिससे यह योजना अभी तक नहीं बस पाई है।

विधान सभा में गलत जानकारी देने की हो जांच-
देवनानी ने पृथ्वीराज नगर योजना में भूखण्डों के कब्जे दिये जाने से वंचित आंवटियों के सम्बंध में विधान सभा में 27 फरवरी को पूछे गये तारांकित प्रश्न के जवाब में सदन में गलत जानकारी प्रस्तुत करने को बहुत ही गम्भीर मामला बताते हुए इसकी जांच कराये जाने की मांग की तथा सदन को गुमराह करने के लिए जिम्मैदार अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने की मांग सरकार से की।
उन्होंने अजमेर उत्तर विधान सभा क्षेत्र के फायसागर रोड, माकड़वाली रोड, लोहागल रोड सहित विभिन्न क्षेत्रों में 90 ए की कार्यवाही कराये जाने की जरूरत बताते हुए कहा कि बरसो से आवासीय क्षेत्र के रूप में विकसित स्थान भी रेकार्ड में खातेदारी दर्ज होने से वहां पर विधायक व सांसद कोष से विकास कार्य स्वीकृत नहीं हो पा रहे हे। उन्होंने अजमेर विकास प्राधिकरण के क्षेत्राधीन आने वाले पेराफैरी गांवों में आबादी विस्तार कराये जाने की मांग भी सरकार से की।

पाक प्रताडित हिन्दू परिवारों को नागरिकता दंे प्रदेश सरकार-देवनानी
जयपुर, 13 मार्च।
पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने विधानसभा कार्य संचालन एवं प्रक्रिया के नियम 295 के तहत विधानसभा में पाकिस्तान से प्रताडित होकर अजमेर रह रहे हिन्दू परिवारों को भारत की नागरिकता देने का मामला उठाया। देवनानी ने कहा कि पाकिस्तान में कट्टरपंथियों के जुल्म से प्रताड़ित होकर भारत में आए कई परिवार वर्षों से अजमेर में निवास कर रहे है परन्तु उन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार इन हिन्दू परिवारों को नागरिकता देने की दिशा में अब तक कोई कारगर कदम नहीं उठा रही है।
देवनानी ने कहा कि अजमेर के पुलिस लाईन क्षेत्र में रहने वाले श्री हंसराज सोनी व मयाणी अस्पताल अजमेर में कार्यरत चिकित्सक डाॅ. मुनेश जेठानी सहित कई हिन्दू परिवार लगभग 15 वर्ष पहले पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर अजमेर आए थे तथा तब से ही भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है। ये परिवार प्रत्येक 02 वर्ष में वीजा की अवधि बढ़वाकर अजमेर में रह रहे है। हर बार प्रशासन द्वारा इनका लम्बी अवधि वीजा पंजीकरण करके शीघ्र नागरिकता दिये जाने का आश्वासन दिया जाता है। लम्बी अवधि वीजा पंजीकरण में एक दिन का विलम्ब होने पर इन्हें 2 हजार रूपये पेनेल्टी देनी होती है।
उन्होंने कहा कि नागरिकता के अभाव में ये परिवार सरकारी नौकरी, बैंक खाता, गैस कनेक्शन, मकान खरीदने जैसी सुविधाओं से वंचित है और ना ही इन्हें सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है जिससे इन्हें कई कठिनाईयों व अभावों में जीवन यापन करना पड़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा नागरिकता प्रदान करने के नाम पर बार-बार आश्वासन दिये जा रहे है जबकि नागरिकता संशोधित कानून के अनुसार भी 6 वर्ष से ज्यादा समय से राज्य में रहने वाले पाक विस्थापित हिन्दू परिवारों को नागरिकता प्रदान की जा सकती है। देवनानी ने राज्य सरकार से पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर राज्य में आए व वर्षो से अजमेर में रहने वाले कई हिन्दू परिवारों को भारत की नागरिकता शीघ्र प्रदान कराने की मांग की।

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