कमठा मजदूर यूनियन बाड़मेर के अध्यक्ष लक्ष्मण बडेरा ने बाड़मेर के जिला कलेक्टर विश्राम मीणा व अतिरिक्त जिला कलेक्टर आर के शर्मा से मिलकर मजदूरों को मालिको ने लॉक डाउन अवधि का भुगतान नहीं दिये जाने पर कार्यवाही करने की मांग की है मजदूर नेता ने श्रम आयुक्त राजस्थान सरकार, सचिव राजस्थान सरकार तथा राज्य के श्रम मंत्री टीकाराम जूली, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर मांग की है कि लॉक डाउन अवधि के दौरान मजदूरों को उनके मालिकों से भुगतान दिलाया जाए मजदूर नेता लक्ष्मण बडेरा ने मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री, श्रम सचिव, श्रम आयुक्त, सहायक श्रम आयुक्त एवं जिला कलेक्टर बाड़मेर को अवगत कराते हुए कहा है कि राजस्थान सरकार ने 22 मार्च 2020 को लॉकडाउन को लेकर एक आदेश जारी कर लॉक डाउन के दौरान किसी भी मालिक को किसी भी मजदूर को उसकी नौकरी से नहीं हटाया जाएगा तथा इस दौरान उसको मिलने वाले मेहनताने में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी तथा लोक डाउन के दौरान वेतन में किसी भी मजदूर की कमी नहीं की जाएगी इस मामले को लेकर 23 मार्च 2020 को सहायक श्रम आयुक्त बालोतरा जिला बाड़मेर में लघु उद्योग मंडल बालोतरा, लघु उद्योग मंडल जसोल, कपड़ा धुलाई उद्योग मंडल बिठूजा, व्यापार मंडल बाड़मेर, प्रबंधक जेएसडब्ल्यू, कैयर्न एनर्जी बाड़मेर तथा रिफाइनरी के हेड पचपदरा, बाड़मेर और वेदांता लिमिटेड के हेड को पत्र लिखकर सूचित किया था लेकिन बड़े अफसोस के बाद कहना पड़ता है कि इन सभी रजिस्टर्ड कंपनियों ने संस्थाओं बाड़मेर जिले के व्यापारियों ने एक भी मजदूर को उसका वेतन नहीं दिया और मजदूरों को उनके नौकरी से निकाल दिया हजारों की संख्या में मजदूर पैदल अपने गांव की तरफ रवाना हो गए कुछ भटकते हुए मजदूरों को बाड़मेर के जिला प्रशासन ने राजस्थान सरकार की बसों में गंतव्य स्थान तक पहुंचाया गया था और तो और इस आदेश का इन सेठ साहूकारों पर कंपनी मालिकों पर किसी भी प्रकार का कोई असर नहीं हुआ और किसी भी मालिक ने किसी भी मजदूर को बुलाकर के लॉक डाउन टाइम के पीरियड का भुगतान नहीं किया इसकी वजह करीब दो लाख से ज्यादा इन मजदूरों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है रिफाइनरी ने 4000 से अधिक मजदूर अपने काम से मुक्त कर दिया गए और वे भी रिफाइनरी जैसी संस्था में किसी भी कंपनी के मालिक ने इन काम कर रहे मजदूरों को लोक डाउन अवधि के दौरान का भुगतान नहीं दिया और बालोतरा जसोल वह बिठूजा में कपड़े की रंगाई व छपाई की एक हज़ार फैक्ट्रियां हैं, उन फैक्ट्रियों में करीब एक लाख मजदूर काम कर रहे हैं उनको भी इन फैक्ट्री मालिकों ने लोक डाउन के दौरान काम से रवाना कर भुगतान नहीं किया है और बाड़मेर जिले में जितने भी होटल, चाय की होटल हो चाहे रेस्टोरेंट हो चाहे वह भोजनालय हो उसमें हजारों की संख्या में मजदूर काम कर रहे थे इन संस्थाओं के मालिक ने किसी भी मजदूर को लोक डाउन टाइम पीरियड का भुगतान नहीं किया और काम से निकाल दिया सरकार के अधिकारियों ने इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया और तो और जो प्राइवेट मेडिकल हॉस्पिटल थे उनके अंदर काम करने वाले जो लोग थे उनको भी लॉक डाउन टाइम पीरियड का भुगतान नहीं किया इसके अलावा सफाई कर्मचारी जो इन निजी संस्थाओं में साफ सफाई का काम कर रहे थे उनको भी काम से निकाल दिया और लोक डाउन टाइम का भुगतान नहीं किया ऐसी सूरत में तो और बाड़मेर के जिला कलेक्टर विश्राम मीणा, मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार, मुख्य सचिव राजस्थान सरकार राज्य के श्रम मंत्री टीकाराम जूली को पत्र लिखकर मांग की है कि लोकडाउन अवधि के दौरान मजदूरों को उन के मालिकों से भुगतान दिलवाया जाए मज़दूर नेता लक्ष्मण बडेरा ने मुख्यमंत्री मंत्री श्रम सचिव श्रम आयुक्त सहायक श्रम आयुक्त बालोतरा जिला बाड़मेर बाड़मेर को अवगत कराते हुए कहा कि राजस्थान सरकार ने 22 मार्च 2020 से 31 मार्च 2020 लॉक डाउन अवधि के दौरान किसी भी मालिक को किसी मजदूर को उसकी नौकरी से नहीं हटाया जावे उसको मिलने वाले वेतन में से किसी भी प्रकार की कटौती नहीं करेंगे लेकिन उसके बावजूद बाड़मेर जिले के लघु उद्योग मंडल बालोतरा, लघु उद्योग मंडल जसोल, कपड़ा धुलाई उद्योग बिठूजा, बालोतरा व्यापार मंडल बाड़मेर राज वेस्ट एनर्जी कंपनी बाड़मेर रिफाइनरी हिंदुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड पचपदरा, केयर्न वेदांता लिमिटेड बाड़मेर के सभी नियोक्ताओं ने अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया सरकार के आदेशों की पालना नहीं की और इस कारण बाड़मेर जिले के लाखों दैनिक वेतन पर काम करने वाले अस्थाई कर्मचारी नियोक्ता द्वारा नौकरी से बिना वेतन के निकाल दिए गए राज्य सरकार के आदेशों की इन कंपनी के मालिकों ने धज्जियां उड़ा दी मजदूर नेता लक्ष्मण बडेरा ने राज्य सरकार से मांग की है कि सभी नियोक्ता और कंपनी मालिकों सेठ साहूकारों से को पाबंद करे कि वह अपने मजदूरों, अधीनस्थ काम करने वाले अस्थाई कर्मियों को लोक डाउन अवधि का भुगतान उनके बैंक खातों में ही सीधे जमा किए जाए ताकि किसी भी प्रकार का घालमेल नहीं हो सके और लापरवाही के इस कारण सरकार के आदेश फाइलों में दफन हो गए मजदूर नेता लक्ष्मण बडेरा ने सभी जिम्मेदार अधिकारियों को आह्वान किया है कि वे इस मामले में राज्य सरकार के आदेशों की कठोरता से पालना करावे अन्यथा हमें मजबूर होकर लॉक डाउन अवधि के दौरान धारा 144 की होने के बावजूद भी मजदूरों की हक की लड़ाई के सत्याग्रह करना पड़ेगा उसके लिए लिए करना पड़ेगा जिसके लिए जिला प्रशासन व राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।