कांग्रेस सरकार के चार वर्ष पूरी तरह विफल-किरण

राजमसन्द। भाजपा राष्ट्रीय महा सचिव व राजसमन्द विधायक किरण माहेश्वरी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के विगत चार साल के कार्यकाल को पूरी तरह विफल बताते हुए कहा गहलोत सरकार ने थोथी घोषणाएं कर काम को कागजो में उलझाया और जनता को गुमराह किया, कहा इस दौरान मुख्य मंत्री व पूरे मंत्री मण्डल ने पूर्व मुख्य मंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में रही भाजपा सरकार पर मात्र दोषारोपण करने के अलावा कुछ नहीं किया।
किरण माहेश्वरी ने गुरूवार को विधायक कार्यालय पर प्रेस वार्ता कर सरकार के चार वर्ष के कार्यकाल में राज्य, जिला व जिला मुख्यालय पर रही कई कमिया गिनाई। राजस्थान में संवेदनहीनता, भ्रष्टाचार, मंहगाई एवं आतंक सरकार की पहचान बन चुकी है। राज्य की जनता असुरक्षित और गुण्डो के आतंक में जीने को विवश है। फिरौती, हत्या, लुटपाट सारे राजस्थान में सामान्य बात हो गई है।
किरण ने कहा कि राज्य में परिवहन ढ़ांचा अस्त व्यस्त हो चुका है। भारी करारोपण एवं भ्रष्टाचार के कारण 5000 से अधिक निजी बसों में से 3500 बंद हो चुकी है। निगम की बस सेवाओं में भी कोई वृद्धि नहीं हुई है। सारे राज्य में रसोई गेस टंकियों की मारामारी मची हुई है। टंकियों में कालाबाजारी ने 1970 के दशक की याद दिला दी है। 5 लाख उपभोक्ताओं के गेस संयोजन काट दिए गए।
किरण ने कहा कि खनन क्षेत्रों में सड़को की स्थिति भयावह है। ग्रामीण अचंलो में सड़क निर्माण ठप्प हो गया है। आमान परिवर्तन, नए रेलपथों का निर्माण एवं नई रेल गाडिय़ों के संचालन में सरकार राज्य हितों की सुरक्षा नहीं कर पाई है।
किरण ने कहा कि राजस्थान में सरकार प्रभाहीन हो गई है। नोकरशाही बेलगाम है। सत्ता दल के विधायकों की बात भी नोकरशाही नहीं मान रही है। काग्रेंस पार्टी में गुटबंदी चरम पर है। सत्ता पक्ष भ्रष्टाचारियों एवं अपराधियों को संरक्षण दे रहा है। सरकार की सारी उर्जा केवल पूर्व मुख्यमंत्री के विरुद्ध मिथ्या आरोपों में लग रही है।
जिला अस्पताल में रही कमियां –
जिला अस्पताल की बात की जाये तो बहुत कमियां रही है, किरण ने अफसोस जाहिर करते हुए कहां आज भी यहां मरीज को उदयपुर रेफर करने की प्रक्रिया निरंतर जारी रहती है जबकि आवश्यकता यह है, कि हर मरीज का ईलाज समय पर जिला अस्पताल में ही हो जाए इसके पुख्ता इन्तजामात होने चाहिए साथ ही हॉस्पिटल में आज भी कई डॉक्टर्स व स्टॉफ की कमी भी रही है, जिसमें एनेस्थेषिया सर्जन, हैल्थ स्पेसलिस्ट, न्यूरोलोजिस्ट, दंत चिकित्सक, स्क्रीन स्पेस्लिस्ट व हार्मोन स्पेस्लिस्ट डॉ. की कमिया हैं। इसके अलावा सीटी स्केन सोनाग्राफी की सुविधा भी नहीं मिल पाती है, कई स्तर पर स्टॉफ की कमी रही है। साथ ही जिला अस्पताल तक आने जाने हेतु परिवहन की सुलभ सुविधा भी नहीं रहती, सीटी डिस्पेन्सरी में भी स्थाई रूप से डॉक्टर्स की सुविधा नहीं मिल पा रही है जिस और सरकार ने ध्यान नहीं दिया।
जिले में मार्बल मण्डी का दर्जा नहीं मिला
किरण ने कहा राजसमन्द जिले में विश्व विख्यात मार्बल व्यवसाय है, व्हाईट मार्बल की प्रचुर मात्रा में खदाने है, प्रोसेसिंग प्लांट है, देवगढ़ मे ग्रेनाईट खदाने है, क्षैत्र में आम व्यक्ति प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप में इस व्यवसाय से जुडा हुआ है। लेकिन सरकार ने इस और ध्यान नहीं दिया और विगत लम्बे समय से जिले को मार्बल मण्डी का दर्जा नहीं मिला इस व्यवसाय को सरकार ने कोई राहत भी नहीं दी, एवज में इस व्यवसाय पर विभिन्न तरह के कर व चार्ज लगा दिए व्यवसाय से जुडे विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा समय – समय पर नियमित चल रहे उद्योगो पर नए उद्योगो पर पेचिदा तकनिकी गाईड लाईन व नियम कानून लागु कर मार्बल व्यवसाय की राह में रोड़ा अटकाया गया, सरकार को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।
राजमसन्द में रोडवेज डिपों नाम मात्र का:-
किरण ने कहा मुख्यमंत्री ने वर्ष 2009 में डिपो निर्माण की घोषणा की थी। करीब चार साल गुजर जाने के बाद भी जनता को बेहतर परिवहन सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाई आलम यह है, डिपो के नाम पर छ: बसें मिली लेकिन वह भी धीरे -धीरे सभी बसे उदयपुर डिपो को स्थानान्तरित कर दी आज एक भी बस यहां से संचालित नहीं होती है जबकि लम्बे समय से ग्रामीण क्षेत्रों में रोड़वेज बसे संचालित करने की मांग की जा रही है । स्टॉफ की भी कमी रही है रेलमगरा तहसील में भी राजसमन्द मार्ग चित्तोड़ मार्ग उदयपुर मार्ग व भीलवाड़ा मार्ग हेतु रोड़वेज बस की मांग रही है। जहां आम जन विगत लम्बे समय से मांग करते आ रहे हैं। साथ रेलमगरा तहसील बस स्टेण्ड के लिये मुख्य मंत्री ने घोषणा की लेकिन अभी तक कार्य प्रारम्भ नही हुआ है ऐसे ही रेलमगरा में ड्राईविंग इन्सटीटयूट का कार्य भी प्रारम्भ नहीं हुआ है।
जिला मुख्यालय ब्रोड गेज जुडाव से अभी भी महरूम
किरण ने कहा सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में 2015 तक देश के सभी जिला मुख्यालय ब्रोडगेज लाईन से जोड देने की बात कही थी लेकिन यह कार्य दूर की कोडी ही साबित हुआ है। जहां राजसमन्द जिला धार्मिक पर्यटन, ऐतिहासिक व विश्वविख्यात मार्बन व्यवसाय से जुडा है, जेके इण्डट्जि यहां है लम्बे समय से मांग रही है, लेकिन राजसमन्द जिला मुख्यालय अभी भी ब्राडगेज लाईन से महरूम है।
विश्वविख्यात राजसमन्द झील के लिये भी कुछ नहीं किया
किरण ने कहा आज तक राजमसन्द झील को झील संरक्षण योजना के तहत स्वीकृति नहीं मिली न ही इस झील को भरने हेतु अन्य किसी स्त्रोत के बारे में सोचा गया है। खारी फिडर नहर की भी समय पर मरम्मत नही करवायी गयी निर्माण के बाद इस नहर की मरम्मत के लिये पहली बार पूर्व मुख्य मंत्री वसुंधरा राजे ने 8 करोड़ 40 लाख रूपये का बजट स्वीकृत कर मरम्मत करवायी थी। जिसकी बदोलत नहर में पानी आवक क्षमता में इजाफा हुआ। इसके अलावा यहां सिंचाई व पेय जल की कोई बड़ी योजना भी लागू नहीं हुई है।
सब्जी मण्डी की उचित व्यवस्था नही
किरण ने कहा कि जिला मुख्यालय पर कांकरोली व राजनगर में रिटेल सब्जी मण्डी हेतु भी उचित व्यवस्था नहीं हो पाई और थोक व्यापारियों को कृषि मण्डी स्थानान्तरित तो कर दिया लेकिन वहां भी आवश्यक सुविधाओं को अभी तक पूरा नहीं किया गया।
कृषि उपज मण्डी में बारदान की कमी
किरण ने कहा कि 22 वर्ष से उपर हो चुके राजसमन्द को जिला बने और लम्बे समय से मांग रही लेकिन अभी भी कृषि उपज मण्डी में बारदान की कमी है जिसके कारण बारिश में किसानों का गेहूं भीग जाता है सड़ जाता है सरकार ने इस और कुछ नहीं किया।
बदहाल रही जिला मुख्यालय व क्षेत्र की सड़के
किरण ने कहा विगत दो वर्ष से जिला मुख्यालय का मुख्य मार्ग, सौ फीट रोड़, पचास फिट रोड़ बदहाल हालात में है, जिसकी मरम्मत एवं पुननिर्माण की दरकार है, यहां का आम नागरिक टूटी हुई सड़को से अपने आपको प्रताडि़त महसूस करता है, यही हाल ग्रामीण क्षेत्र की सड़को का भी है, राज्य सरकार को इस और ध्यान देना चाहिए बजट स्वीकृत कर शीघ्र कार्य प्रारम्भ करवाया जाना चाहिये।
राज्य व जिले में बढे चोरी व आपराधिक मामले
किरण ने कहा कांग्रेस शासन में राज्य के हर क्षैत्र में आपराधिक मामले बढे है, राजसमन्द जिले में कई स्थानों पर बड़ी – बड़ी चोरीयों के मामले निरन्तर हुए है, जिनका खुलासा भी नही हो पाया साथ ही सरकार व प्रशासन अंकुश भी नहीं लगा पाये।
कांग्रेस सरकार ने विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं बन्द की
किरण ने कहा भाजपा शासन काल में वसुन्धरा राजे ने मगरा विकास योजना, भामाषाह योजना, गुरू गोवलकर योजना व स्वजल धारा योजना जैसी विभिन्न जल कल्याण कारी योजना लागू की थी जिन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बुहत विकास कार्य हुए लेकिन कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही इन योजनाओं को बन्द कर दिया या इन योजनाओं हेतु कोई बजट स्वीकृत नहीं कर मामले को ठण्डे बस्ते मे डाल दिया जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र का विकास पुरी तरह चरमरा गया।
यह भी रही कमिया
किरण ने बताया कि कांग्रेस सरकार के चार वर्ष में कहीं कमिया रही जिसमें उच्च शिक्षा व स्तरीय चिकित्सा संस्थाओं की स्थापना की कमी पर्यटन विभाग के कार्यालय की कमी मास्टर प्लान लागू नहीं होना, सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की व स्कूलों में अध्यापको की कमी, नेड़च का नाका से सिंचाई जल उपलब्ध नहीं करा पाना, सन् 2008 के बाद एक भी कृषि कनेक्षन नहीं, राजीवगांधी विद्युतिकरण योजना के तहत् बीपीएल परिवारों की लम्बी सूची प्रतिक्षारत है, देवनारायण योजना के तहत छात्राओं को स्कुटी नहीं मिलना किसानों को थ्रीफेस की बिजली मात्र 5 घण्टे वो भी रात्री में, पेट्रोल, डीजल व रसोई गेस की आसमान छुती कीमते, विद्यार्थी मित्रों को हटाया गया, गोता खोर का पद सृजित नहीं होना, विद्युत बिलों में गड़बडी से जनता त्रस्त एवं सफाई व्यवस्था हेतु सरकार द्वारा दिये जाने वाले संसाधनों का अभाव रहा।
-किशोर गुर्जर
प्रवक्ता

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