जयपुर, सितंबर, 2020: भारत बीपीओ प्रमोशन स्कीम (आईबीपीएस) द्वारा संवर्धित बीपीओ सर्विस प्रोवाइडर मैटसनकुमार सर्विसेस आज जयपुर के अत्याधुनिक केंद्र से 40% राजस्व प्राप्त कर रही है। जिस केंद्र की स्थापना 2017 में दिल्ली-एनसीआर केंद्र को बैकअप सहायता प्रदान करने के लिए की गई थी, वह अब 600 से अधिक टीम सदस्यों के साथ एक प्रमुख केंद्र में विकसित हो गया है। केवल 2 वर्षों की अपनी सेवा अवधि के दौरान ग्राहकों की इसकी प्रतिष्ठित सूची में कम से कम 15 संगठन हैं। आईबीपीएस ने विभिन्न स्थानीय कारकों जैसे-दिल्ली एनसीआर की तुलना में हाइ एम्प्लॉई रिटेंशन रेट, कम संचालन लागत, कम किराया, आदि द्वारा समर्थित इस केंद्र के रणनीतिक विस्तार में एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाई है। इस केंद्र ने एक आईटी/आईटीईएस इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के साथ ही बड़े पैमाने पर अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन किया है। जयपुर केंद्र के लगभग 85% कर्मचारी राजस्थान के मूल निवासी हैं। इस केंद्र ने अपने सीएसआर पहल में कर्मचारियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी द्वारा उनकी सहभागिता में एक मानदंड स्थापित किया है।
मैटसनकुमार सर्विसेस एक स्थापित बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग कंपनी है, जो बीएफ़एसआई, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, खुदरा तथा अन्य क्षेत्र से जुड़े संपर्क केंद्र प्रबंधन, बैक-ऑफिस संचालन, प्रोसेस इम्प्रूवमेंट और ई-कॉमर्स परामर्श जैसे विविध सेवाओं में विशेषज्ञता रखती है। कंपनी को आईपीबीएस के तहत 200 सीटों का आवंटन किया गया है। आईपीबीएस डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एक योजना है। सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ़ इंडिया (एसटीपीआई) आईबीपीएस योजना की क्रियान्वयन एजेंसी है।
डॉ. ओंकार राय, निदेशक, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ़ इंडिया (एसटीपीआई), ने कहा, “आईटी/आईटीईएस उद्योग द्वारा अपेक्षित आवश्यक पारिस्थितिकी तंत्र के कारण जयपुर आईटी/ आईटीईएस हब के रूप में उभरने की ओर अग्रसर है। जयपुर स्थित मैटसनकुमार सर्विसेस ने पूरे भारत के टीयर 2/3 शहरों के लिए उत्कृष्टता के अनुकरणीय बेंचमार्क को स्थापित किया है। जयपुर में उनके केंद्र का सफल संचालन ना केवल अन्य आईटी / आईटी फर्मों को इस शहर को अपने बिज़नेस के लिए चुनने के लिए प्रेरित करेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को अपने गृहनगर में नौकरी देकर उनके प्रवास पर भी अंकुश लगाएगा।”
जयपुर जैसे टीयर 2/3 शहरों के आईटी/आईटीईएस क्षेत्र में ‘नेक्स्ट डेस्टिनेशन’ के रूप में उभरने की पूरी क्षमता है। योग्य युवाओं की मौजूदगी और कम अट्रिशन रेट कंपनियों के इन शहरों में संचालन स्थापित करने की संभावना को बढ़ाती है। इसके अलावा, कम रेंट, कम परिचालन लागत के साथ ही सरकार की इज ऑफ डूइंग बिज़नेस की पहलों ने छोटे शहरों को कारोबार के लिए एक आकर्षक विकल्प बना दिया है।
मैटसनकुमार सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट व जयपुर सेंटर हेड रुद्राक्ष सिंह परिहार ने कहा, “हालिया नीतिगत पहलों और बुनियादी ढांचागत विकास के कारण जयपुर बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। दिल्ली-एनसीआर सेंटर की तुलना में जयपुर ऑफिस में एट्रिशन रेट कम होने के कारण रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा इस सेंटर से आता है। हमारे स्ट्रेटजिक एक्स्पेंशन प्लान में आईबीपीएस योजना ने एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाई है।“
इस योजना का उद्देश्य देश भर में बीपीओ/आईटीईएस के परिचालन के लिए टीयर-2/3 शहरों में 48,300 सीटों की स्थापना के माध्यम से आईटी इकोसिस्टम को मजबूती प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत कुल स्वीकार्य व्यय (कैपिटल/ऑपरेशनल) के 50% तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें बीपीओ/आईटीईएस के प्रत्येक सीट के लिए उच्चतम सीमा 1 लाख रुपये है। इस योजना में महिलाओं व दिव्यांग व्यक्तियों के लिए रोजगार को बढ़ावा देने, स्थानीय उद्यमियों की भागीदारी बढ़ाने और नॉन-कैपिटल सिटीज में संचालन की शुरुआत करने के लिए विशेष पहल भी शामिल है।