अनुदान नहीं मिलने पर कर्मचारियों को भुगतान नहीं रोका जा सकता

( राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम का मामला)

जयपुर,राजस्थान उच्च न्यायालय की एकल पीठ के न्यायाधीश श्री संजीव प्रकाश शर्मा ने प्रबंध समिति अग्रवाल सीनियर सेकेंडरी स्कूल आगरा रोड जयपुर की रिट याचिका खारिज करते हुए व्यवस्था दी है कि जो कर्मचारी राजस्थान स्वैच्छिक सेवा नियम 2010 के लागू होने से पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके ऐसे मामलों में उच्च न्यायालय की खंडपीठ का निर्णय जो कि भगवान दास तोड़ी कॉलेज में दिया गया है लागू नहीं होता उल्लेखनीय है कि उक्त संस्थान के द्वारा राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण के निर्णय को चुनौती दी जोकि राजेश चंद्र शर्मा व घनश्याम शर्मा के मामले में दिया गया था अधिकरण कर्मचारी के पक्ष में निर्णय देते हुए संस्था को आदेश दिया कि वह कर्मचारी को ग्रेच्युटी ,उपार्जित अवकाश के बदले वेतन , चयनित वेतनमान व छठे वेतन आयोग के अनुसार बकाया राशि का भुगतान करें परंतु संस्था के द्वारा अधिकरण के फैसले को यह कहते हुए चुनौती दी कि राज्य सरकार के द्वारा चयनित वेतनमान, उपार्जित अवकाश के बदले वेतन व छठे वेतन आयोग की बकाया राशि पर राज्य सरकार के द्वारा अनुदान नहीं दिया गया उक्त कर्मचारियों की तरफ से अधिवक्ता डीपी शर्मा का तर्क था की खंडपीठ का फैसला ऐसे कर्मचारियों पर लागू होता है जो कि राज्य सरकार में समायोजित हो गए जहां तक अनुदान का प्रश्न है यह मामला राज्य सरकार व संस्था के मध्य का मामला है उक्त संस्था का दायित्व है कि वह कर्मचारियों को उस की बकाया राशि का भुगतान करें तथा भुगतान करने के पश्चात यदि उनका कोई हक बनता है तो राज्य सरकार के विरुद्ध रिट याचिका प्रस्तुत कर भुगतान प्राप्त करें उक्त कर्मचारियों के अधिवक्ता का यह भी तर्क था कि अनुदान नहीं मिलने के आधार पर प्रार्थी गण का भुगतान नहीं रोका जा सकता मामले की सुनवाई के पश्चात उच्च न्यायालय ने संस्था के रिट याचिका को खारिज करते हुए उक्त व्यवस्था दी

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