स्थानांतरण आदेश पर रोक

( राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण का मामला )

राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण में महेंद्र प्रताप श्रीवास्तव के मामले में स्थगन आदेश जारी करते हुए निर्देशित किया कि प्रार्थी को उसे पूर्व स्थान पर ही कार्य करने दिया जावे यदि आवश्यकता हो तो उसे जिले में ही पद स्थापित किया जावे उल्लेखनीय है कि प्रार्थी महेंद्र प्रताप श्रीवास्तव ने अपने अधिवक्ता डीपी शर्मा के माध्यम से उक्त अधिकरण के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर निवेदन किया कि उसका स्थानांतरण राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लेडी लाडनूं जिला नागौर से राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय मसूदा जिला अजमेर में किया गया प्रार्थी की सेवानिवृत्ति में 1 वर्ष और कुछ नहीं बचे हैं प्रार्थी का स्थानांतरणविपक्षी संख्या 2 को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया ऐसा स्थानांतरण आदेश पेंशन नियम 80 के विपरीत है प्रार्थी का यह भी तर्क था कि प्रार्थी का स्थानांतरण 400 किलोमीटर दूर किया गया है जबकि प्रार्थी के विद्यालय के नजदीक कई विद्यालयों में पद रिक्त है राज्य सरकार की तरफ से जवाब दिया गया कि प्रार्थी का स्थानांतरण दुर्भावना पूर्वक नहीं किया गया बल्कि प्रशासनिक आवश्यकता के अनुसार किया गया मामले की सुनवाई के पश्चात अधिकरण ने व्यवस्था दी है कि स्थानांतरण आदेश के तहत प्रार्थी को 400 किलोमीटर दूर भेजा गया जोकि पेंशन नियम विपरीत है स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाते हुए व्यवस्था दी कि प्रार्थी स्थान पर कार्यरत रहेगा यदि राज्य सरकार को प्रशासनिक आवश्यकता हो तो जिले में किया जा सकता है

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