सामरा राजस्थान आचार्य कुल की राष्ट्रीय संगोष्ठी और वार्षिक अधिवेशन में सम्मानित हुए

आचार्य विनोबा भावे द्वारा स्थापित आचार्य कुल के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 26 फरवरी को राजसमन्द राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सम्पन्न हुआ । महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ रचना तैलंग के अनुरोध पर इस कार्यक्रम के उद्घाटन एवं शुभारंभ की घोषणा अजमेर से आये मुख्य वक्ता और विरासत सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष और मैनेजिंग ट्रस्टी बी एल सामरा नीलम द्वारा की गई ।इस अवसर पर पद्मश्री श्याम सुन्दर जी पालीवाल एवं प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से समागत विशिष्ट अतिथि विद्वतजन, शिक्षाविद गांधी वादी विचारक एवं आचार्य कुल के पूर्व राष्ट्रीयअध्यक्ष डॉ हीरालाल जी श्रीमाली सेनाधिकारी अर्जुन सिंह कानावत स्काउट मास्टर रामदेव सिह एवं अनेक गणमान्य नागरिकों के साथ महाविद्यालय का स्टाफ और विद्यार्थी गण उपस्थित थे । इस अवसर पर विरासतविद सामरा के संग्रह की आंशिक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया जिसे सभी आगंतुक महानुभावों और महाविद्यालय के स्टाफ एवं विद्यार्थियों द्वारा अवलोकन कर भूरि भूरि प्रशंसा की । आचार्य कुल की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ पुष्पिता अवस्थी ने नीदरलैंड से संगोष्ठी को आॅन लाइन सम्बोधित किया और शुभकामनाएँ दी। संगोष्ठी में विरासत और हमारी संस्कृति के साथ पर्यावरण ,बुनियादी शिक्षा , अणुव्रत और विश्व शांति तथा गांधी जी विनोबा जी सर्वोदय तथा आत्म निर्भर ग्राम व गीता दर्शन की अवधारणा पर चिंतन के साथ राष्ट्र समाज युवा वर्ग में नैतिक मूल्यों की स्थापना पर बल देते हुए राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार के दलदल पर चिंता व्यक्त की गई और सार्वजनिक जीवन में आचरण शुद्धि के लिए गांधी वादी अभियान द्वारा ग्राम स्वराज और गांवों के आधार भूत कायाकल्प की आवश्यकता प्रतिपादित की गई ।संगोष्ठी के दौरान राजस्थान आचार्य कुल की प्रादेशिक अध्यक्ष डॉ रचना तैलंग द्वारा विरासत संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए इस अवसर पर अजमेर के बी एल सामरा शाॅल औढा कर स्मृति चिन्ह के साथ सम्मान किया गया ।

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