हल्दीघाटी युद्ध में जीते प्रताप, अब तो मान ले राज्य सरकार-देवनानी

-भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग का हल्दीघाटी से शिलालेख हटाने का निर्णय।
-‘हल्दीघाटी युद्ध में प्रताप की सेना को हटाना पडा पीछे’ ऐसा लिखा था शिलालेख पर।

प्रो. वासुदेव देवनानी
जयपुर, 16 जुलाई। भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग द्वारा ‘ प्रताप की सेना को हल्दीघाटी के युद्ध से पीछे हटना पडा’ ऐसा लिखा शिलालेख हल्दीघाटी से हटाने के निर्णय के बाद यह साफ साबित हो चुका है कि हल्दीघाटी युद्ध मे महाराणा प्रताप ही विजय हुए। इस निर्णय के बाद तो राज्य सरकार को मान लेना चाहिए कि हल्दीघाटी युद्ध में अकबर की सेना नहीं बल्कि महाराणा प्रताप ही विजय हुए। देवनानी ने कहा कि बीच के कालखण्ड में हमारे विजयी एवं सतत संघर्ष के इतिहास को तोडमरोड कर प्रस्तुत किया गया जिसमें से प्रताप से जुडा इतिहास भी एक है। महाराणा प्रताप महान थे जबकि सालो तक इतिहास में बच्चों को अकबर महान पढाया गया। गत भाजपा सरकार मे राज्य के बच्चों को हल्दीघाटी के युद्ध में प्रताप की विजय का इतिहास पढाया गया परंतु सत्ता परिवर्तन के साथ ही काग्रेंस सरकार ने पुनः वही गुलामी की मानसिकता से ओतप्रोत इतिहास अपने विद्यार्थियों को पढाना शुरू कर दिया। कांग्रेस की हमेशा से ही तुष्टिकरण की नीति रही है। उसकी ओर से किसी न किसी बहाने अपने वीर-योद्धा एवं महापुरुषों का अपमान किया जाता रहा हैं।

देवनानी ने कहा कि राजसमंद जिले मे हल्दीघाटी स्थित रक्त तलाई स्थान पर स्मारक लगाया हुआ है जिसमें लिखा हुआ है कि प्रताप की सेना को युद्ध में पीछे हटना पडा। अब तक इतिहास में भी यही पढाया जाता रहा है जो कि सत्य से काफी दूर है। भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने अपनी स्टेट यूनिट को आदेश दिया है कि स्मारक से उस पत्थर को हटाया जाए जिस पर प्रताप की सेना के पीछे हटने की बात लिखी है। देवनानी ने राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि कम से कम अब तो सरकार और उसके शिक्षा मंत्री मान ले कि प्रताप ही महान थे और उन्होंने ही हल्दीघाटी का युद्ध जीता था न कि अकबर ने।

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