संवत्सरी महापर्व त्याग और तपस्या के साथ मनाया गया

*काकरोली* दिनांक 11 सितंबर 2021 महा तपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती मुनि संजय कुमार मुनि प्रकाश कुमार एवं मुनि सिद्ध प्रज्ञ जी के पावन सानिध्य में जैन धर्म का प्रमुख त्योहार संवत्सरी महापर्व मनाया गया। प्रारंभ में मुनि श्री सिद्ध प्रज्ञ ने अपनी शैली में मंगलाचरण करते हुए कहा आज का दिन चिकित्सा का स्नान का और शुद्धि का पर्व है। इस पर्व के माध्यम से हम अपने आत्मा में लगे राग द्वेष रुपी कर्मों को हटा सकते है। मुनिसिद्ध प्रज्ञ ने काल चक्र की विस्तार से जानकारी देते हुए 5 वे आरे की स्थिति स्पष्ट की और कहा छठे आरे में जन्म देने से महा दुख से बचने के लिए हमें इस जन्म में रात्रि भोजन और साथ व्यसन का त्याग करना चाहिए। आचार्यों की परंपरा को आगे बढ़ाने में पूर्व आचार्यों का बहुत बड़ा योगदान रहा जैन शासन की प्रभावना में महान आचार्य हुए जिन्होंने जैन शासन की अभूतपूर्व प्रभावना की उद्बोधन प्रदान करते हुए।
मुनि संजय कुमार ने भगवान महावीर का जन्म से लेकर परिनिर्वाण तक की यात्रा बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत करते हुए कहा भगवान महावीर हमारे परम आराध्य है। उन्होंने साधना तपस्या ध्यान के माध्यम से जैसा जीवन जिया वैसा जीवन हमें भी जीना चाहिए। सभी महापुरुष ने लोगों को शांति और क्षमता का संदेश दिया है। हमें भी आज के दिन अपने जीवन में शांति और क्षमता को प्राप्त करना चाहिए। कार्यक्रम का मंगलाचरण तेरापंथ महिला मंडल एवं आमेट से पधारे नरेंद्र श्रीश्रीमाल तथा धोइंदा से समागत मोहनी देवी कच्छारा ने किया। मुनि प्रकाश कुमार ने अपना मोन व्रत परीसंपन्न करके विशेष मंगल पाठ सुनाया तेरापंथ सभा के अध्यक्ष प्रकाश सोनी ने सबका स्वागत किया एवं सह मंत्री सूरज जैन ने आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में अनेकों लोगों ने त्याग तपस्या पोषक स्वीकार किया। प्रातः 8:30 से प्रवचन की शुरुआत हुई जो 3:00 बजे तक चला कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री हिम्मत कोठारी ने किया।

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