दिसम्बर 2019 में केन्द्र सरकार ने अचानक मालाणी रेल को 15 मार्च 2020 से बंद करने की घोषणा की थी। उसी समय युवा नेता आजाद सिंह राठौड़ ने मालाणी बचाओ संघर्ष समिति का गठन कर प्रदर्शन शुरु किया था।
तब राठौड़ ने कहा था “मालाणी हमारी पहचान है, केन्द्र सरकार हमारी पहचान को ही हमसे दूर करने पर तुली है। मालाणी केवल एक रेल नहीं ये नाम जब भी सुनते या बोलते है तो हमें भीतर से एक अपणायत का अहसास प्रतीत होता है। लिहाजा मालाणी के नाम और इस नाम से चल रही हमारी लाईफ लाईन को बेपटरी नहीं होने देंगे।
सरकार के फैसले का विरोध किसी एक बाड़मेर का नहीं था बल्कि मालाणी की उन सभी 36 कौमों का विरोध था, जिनका वास्ता इस रेल से था। 26 लाख की आबादी के इस थार के गुस्से और विरोध के दबाव में केन्द्र सरकार को फैसला बदलने पर मजबूर कर दिया था। लेकिन मालाणी एक्सप्रेस नाम नहीं रखा गया था
बाड़मेर में रेल सुविधाओं एवं मालाणी एक्सप्रेस पुन: नाम किये जाने को लेकर निरन्तर संघर्ष जारी था, बाड़मेर की जनता के दबाव में अब पुन: मालाणी एक्सप्रेस नाम कर दिया गया है। आज मालाणी बचाओं संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने बाड़मेर रेलवे स्टेशन पर फटाके फोड़कर खुशियां जताई। बाड़मेर के जनप्रतिनिधियों, विभिन्न समाजों, सामाजिक एवं व्यावसायिक संगठनों ने भी रेल का नाम वापस मालाणी एक्सप्रेस किये जाने पर खुशियां व्यक्त की।
मालाणी बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक आजाद सिंह राठौड़ ने कहा कि हम लगातार संघर्ष कर रहे थे, हमारा संघर्ष बाड़मेर में रेल सुविधाएं बढ़ाने के लिए जारी रहेगा। यह सभी बाड़मेरवासियों के संघर्ष का परिणाम ही है कि केन्द्र सरकार को मालाणी एक्सप्रेस नाम पुन: करना पड़ा।
– मुलतान सिंह ( कार्यालय – श्री आज़ाद सिंह राठौड़, बाड़मेर )
+91-7568240280