अपनी शक्ति एवं सामर्थ्य से संयम को धारण करें : आचार्य

जयपुर । आज श्री दिगंबर जैन मंदिर वरुण पथ मानसरोवर में चल रहे चातुर्मास के अंतर्गत परम पूज्य आचार्य गुरुवर विवेक सागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद एवं पावन सानिध्य में दशलक्षण महापर्व के अंतर्गत चल रहे भव्य 10 दिवसीय विधान के अंतर्गत उपस्थित बंधुओ को मंगल आशीर्वाद देते हुए कहा कि दशलक्षण पर्व अपने चरम पर हैं सभी ने व्रत, उपवास, दान, धर्म आनंद पूर्वक किए हैं क्योंकि सभी आत्म सुख, आत्मा के कल्याण की भावना रखते हैं लेकिन हमारे अंदर संपूर्णता तब आएगी जब हम परिपक्व होंगे आज का धर्म 10 धर्मों का सार ब्रह्मचर्य का दिवस है धर्म की साधना धर्म की आराधना करने वाले युवा अवस्था वाले ही होंगे युवा अवस्था में किया गया धर्म ही जीवन को प्रशस्त बनाता है
हेमेंद्र सेठी ने बताया कि परम पूज्य मुनि श्री 108 आर्चित सागर जी महारज ने कहा कि जैन दर्शन में आज का दिन बड़ा ही महत्वपूर्ण है आज ब्रह्मचर्य का दिन है जो हमें यह सिखाता है ब्रह्म में लीन हो जाना अपने आपको ईश्वर के प्रति समर्पित कर देना अपने अंदर की बुराइयों को साफ करके अंदर की आप उल्टा को मिटाकर ही हम कल्याण के मार्ग को प्रशस्त कर सकते हैं यदि तुम में सामर्थ्य और शक्ति है तो संयम को धारण कर अपने जीवन को कल्याण के मार्ग पर ले जाएं यही इस बार की उपलब्धि होगी ।

प्रचार संयोजक विनेश सोगानी ने बताया कि धर्म सभा का मंगलाचरण के माध्यम से विधिवत शुभारंभ मंजू जी कासलीवाल ने किया एवं भगवान महावीर स्वामी व तपस्वी सम्राट आचार्य रत्न सुमति सागर जी महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर परम पूज्य आचार्य गुरुवर विवेक सागर जी महाराज का पाद प्रक्षालन कर शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य आज के सोधर्म इन्द्र संतोष मंजू, रोहित विम्मी, सतीश मंजू, मुकेश पिंकी एवं ऊर्वी कासलीवाल फागी वाला परिवार ने प्राप्त किया ।

सभी सम्माननीय अतिथियों का तिलक एवं माल्यार्पण कर एम पी जैन, कैलाश सेठी, पुष्पेंद्र जैन पचेवर, हेमेंद्र सेठी, विनेश सोगानी, बीरेश जैन टीटी, राजेंद्र सोनी, सुनील गोधा, विमल बाकलीवाल, आशा सेठी प्रीती सोगानी, सुनीता गोधा ने किया।

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