यह कार्यशाला कलागुरू सुमहेन्द्र की 50 वर्षों की कला-यात्रा को समर्पित की गई है।
जयपुर, 2, नवम्बर। ‘कलावृत’ एवं राजस्थान ललित कला अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय समसामयिक लघु चित्रण ऑनलाइन कार्यशाला का तृतीय संस्करण कलावृत्त संस्था के संस्थापक व विख्यात चित्रकार एवं मूर्तिकार डॉ. सुमहेन्द्र की 50 वर्षो की कला-यात्रा को समर्पित किया गया है।
संस्था के अध्यक्ष संदीप सुमहेन्द्र ने बताया कि राजस्थान सहित देश के अन्य राज्यों की बहुत-सी पारंपरिक कला शैलियां हो गई है या विलुप्त होंने के कगार पर हैं, कुछ एक शैलियां तो लगभग पूर्ण समाप्त ही हो गई हैं। परम्परागत लघु चित्रण के प्राचीन घरानों की मौजूदा पीढ़ियां ही निजी स्तर पर इसे किसी तरह बचाए हुए हैं। कलावृत्त का उद्देश्य परंपरागत शैलियों एवं युवा पीढ़ी को इनकी ओर पुनः आकर्षित कर, उन्हें वर्तमान परिवेश में, उन शैलियों को विकसित करने के लिए प्रेरित करना है। ताकि अगली पीढ़ी को भी पारंपरिक कलाओं की तकनीक एवं इनमें उपयोग होंने वाले प्राकृतिक रंगों आदि की पूर्ण जानकारी मिल सके।
संस्था के संस्थापक एवं मेरे कला-गुरु डाॅ. महेन्द्र कुमार शर्मा ‘सुमहेन्द्र’, जो स्वयं भी लघु चित्र शैलियों के पारंगत कलाकार थे, की यही सोच और अभिलाषा थी। इसी कारण वे गुरु-शिष्य परंपरा के जीवनपर्यंत पोषक भी रहे।
इस कार्यशाला में प्रतिभागी चित्रकार अपने स्टूडियो में 2 से 12 नवंबर (10 दिन) तक पारंपरिक शैली की तकनीक में अपने-अपने सृजन को गति देंगे। जिनमें वे समकालीन (वर्तमान समय की) परिस्थितियों/घटनाओं का चित्रण करेंगे।
संदीप ने आगे बताया कि कार्यशाला का तीसरा संस्करण कलावृत्त के संस्थापक सुमहेन्द्र जी की 50वर्षीय कला-यात्रा को समर्पित है, फलत: इसे नि:शुल्क रखा गया है। तीन वरिष्ठ चित्रकारों की चयन समिति द्वारा सृजन की श्रेष्ठता, तकनीक और चित्रित विषय की प्रधानता के आधार पर श्रेष्ठ पांच चित्रकारों का इसमें चयन किया जाता है।
अकादमी के अध्यक्ष लक्ष्मण जी व्यास ने सुमेहन्द्र जी द्वारा इस नए प्रयोग मिनियेचर शैली में समसामयिक कला का परिवेश के साथ चित्रण करने को सराहा ओर नए कलाकारों को इसकी प्रेरणा से कार्य करने की बधाई दी। संस्था के सचिव देवेन्द्र सिंह बैस के अनुसार कार्यशाला में निर्मित पांच सर्वश्रेष्ठ चित्रों का चयन करके उन्हें राजस्थान के वरिष्ठ एवं विख्यात कलागुरूओं क्रमश: पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय, पद्मश्री कृपाल सिंह शेखावत, कला-रत्न पी.एन.चोयल, प्रो. देवकी नंदन शर्मा एवं कलागुरू वेदपाल शर्मा “बन्नुजी” सम्मान एवं स्मृति चिन्ह तथा शेष सभी प्रतिभागियों को डिजिटल सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे। वहीं संस्था के वर्ष 2023 के एक टेबल कैलेंडर में सम्मानित चित्रों के साथ, शेष चित्रों में से 24 श्रेष्ठ चित्रों का चयन कर उन्हें, चित्रकारों के चित्र सहित प्रकाशित भी किया जाता है जिसे डिजिटल फॉर्मेट में सभी प्रतिभागियों को प्रदान किया जाता है।
इस उद्धघाटन समारोह में अकादमी के अध्यक्ष लक्ष्मण जी व्यास एवं सचिव डॉ रजनीश हर्ष ने अकादमी परिवार की ओर से कलावृत्त संस्था ओर इस कार्यशाला में भाग ले रहे सभी कलाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
कार्यशाला से संबंधित अन्य जानकारी हेतु
संदीप सुमहेन्द्र
संस्था के अध्यक्ष व कार्यशाला-संयोजक
9829437374