रनवे के ऑक्यूपेंसी टाइम होगा काम। विमानों का आवागमन होगा सुगम
DGCA की अनुमति के बाद समांतर टैक्सी-वे शुरू
नए टैक्सी वे बनने के बाद एक घंटे में अब विमानों का रन वे पर ज्यादा आवागमन संभव होगा
जयपुर : जयपुर एयरपोर्ट पर सुविधाओं का विस्तार निरंतर रूप से चालू है। नए पार्किंग बे शुरू होने का बाद आज विमानों के लिए जयपुर एयरपोर्ट पर एक नया टैक्सी ट्रैक कमीशन किया गया। DGCA की अनुमति के बाद कमीशन किये गए टैक्सी वे से रनवे के ऑक्यूपेंसी टाइम में कमी आएगी और विमानों विमानों का आवागमन और सुगम होगा। टैक्सी ट्रैक की लम्बाई एयरबस 320 श्रेणी के विमानों के लिए 2280 मीटर उपलब्ध होगी तथा विशाल जम्बोजेट विमानों के लिए टैक्सी ट्रैक की लम्बाई 1665 मीटर होगी
टैक्सी ट्रैक का फायदा यह होगा कि जब रनवे पर एक विमान लैंड हो रहा होगा तो टेक ऑफ करने वाले विमान को रनवे के अंतिम छोर तक जाने के लिए रनवे पर चलने की जरूरत नहीं होगी। बल्कि टेक ऑफ करने वाला विमान टैक्सी ट्रैक पर चलकर रनवे के छोर तक पहुंच सकेगा। इस तरह रनवे के ऑक्युपाई रहने की अवधि कम हो जाएगी। इसी तरहे लैंड होने पर विमान तुरंत टैक्सी वे पर आ जायेगा और रन वे टेक ऑफ और लैंडिंग के तुरंत उपलब्ध होगा।
एक समानांतर टैक्सी वे विमान के लिए अलग रास्ता है जो रनवे को एप्रन, हैंगर और टर्मिनल से जोड़ता है। नया समानांतर टैक्सी ट्रैक एक प्रमुख बुनियादी ढांचा है जिसकी जरुरत एक लंबे समय से महसूस की जा रही थी । नया टैक्सी वे विमानों को मुख्य रनवे में प्रवेश किए पार्किंग बे से आने और जाने में मदद करेगा। साथ ही एयरपोर्ट की प्रति घंटे की फ्लाइट हैंडलिंग क्षमता बढ़ेगी।
इससे प्रत्येक फ्लाइट में भी 2 से 3 मिनट का समय बचेगा, जिससे यात्रियों के समय की बचत होगी और एयरलाइंस को भी फ्यूल की बचत होगी।