सालासर , 17 अगस्त, 2023- सालासर बालाजी धाम में श्रीमती त्रिवेणी देवी धानुका उच्च माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर स्कूल का पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद 18 अगस्त को लोकार्पण करेंगे । धानुका परिवार ने बताया कि माताजी श्रीमती त्रिवेणी देवी की 100वीं जयंती पर पवित्र सालासर धाम में स्कूल का लोकार्पण पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद करेंगे। धानुका परिवार ने बताया कि 18 अगस्त को बालाजी श्री सालासर धाम की धरती पर श्रीमती त्रिवेणी देवी धानुका उच्च माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर का लोकार्पण केवल एक संस्थान का लोकार्पण नहीं है, बल्कि समाज को ज्ञान का उपहार देकर सशक्त करने की दिशा में एक कदम है। इस कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर भजन गायिका अनुराधा पोड़वाल और उनकी सुपत्री कविता पोड़वाल की एक भजन संध्या का भी आयोजन किया गया।
सालासर धाम में नए विद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर 5 प्रतिभावान विद्यार्थियों को पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद सम्मानित करेंगे। इसके अलावा प्रधानाचार्य श्री लोकेश चौमाला और भवन के प्रमुख वास्तुकार श्री प्रमोद गुप्ता को भी सम्मानित किया जाएगा।
इस अवसर पर धानुका ग्रुप के चेयरमैन आर जी अग्रवाल ने बताया कि धानुका परिवार हमेशा समाज की भलाई के लिए विभिन्न सामाजिक गतिविधियों के लिए समर्पित रहा है। सरकार ने वर्ष 2014 में सीएसआर नीति पेश की है, लेकिन हमारा परिवार 100 वर्षों से अधिक समय से समाज में योगदान दे रहा है। हमारे पूर्वज 100 साल पहले राजस्थान से आए थे और उनकी पहली सामाजिक परियोजना वृन्दावन में एक आश्रम थी जो उस समय एक जंगल था जिसमें छोटी-छोटी कुटियाएँ थीं, जहाँ साधु रहते थे और लगभग 100 लोगों को प्रतिदिन सुबह भोजन दिया जाता था। अब इसे 60 एसी कमरों और एक एसी हॉल वाले आधुनिक गेस्ट हाउस में बदल दिया गया है। सीएसआर और सामाजिक सेवाओं की राह पर धानुका परिवार अयोध्या में 150 कमरों का एक आश्रम और रतनगढ़ में एक स्कूल भी चला रहा है। धानुका परिवार 21 अगस्त 23 को एम्स दिल्ली अस्पताल में एक आवश्यक वेटिंग लाउंज भी समर्पित करने जा रहा है। हम भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी द्वारा एम्स वेटिंग लाउंज के उद्घाटन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान सबसे बड़ी गैर-सरकारी शिक्षण संस्था है, जो 13,000 विद्यालयों का संचालन करती है जिनमें 35 लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं। इस संस्था की शुरुआत 1952 में सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना के साथ हुई थी। प्राचीन भारतीय ग्रंथों से प्रेरित विद्या भारती ने वैश्विक स्तर पर अपनी विशेष पहचान बनाई है। युवाओं के समग्र विकास के लिए उनमें नैतिक मूल्यों की स्थापना और समाज में वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धान्त को बढ़ावा देती है।
