राजस्थान सिन्धी अकादमी मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन

जयपुर, 22 सितम्बर (वि.)। राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा झालाना संस्थानिक क्षेत्र, जयपुर स्थित अकादमी संकुल में 22 सितम्बर, 2023 को मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन किया गया।

गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ रंगकर्मी एवं साहित्यकार श्रीमती नन्दिनी पंजवानी ने की। गोष्ठी में युवा साहित्यकार चित्रेश रिझवानी ने लय-ताल, बियें माड़े ते मुहिंजी जाइ, यादियूं आदि आज़ाद कवितायें प्रस्तुत की। डी.डी.इसरानी ने ’मूं वर वर करे पुठनि खे पातो, खुज्मो न हिकिड़ो धीअ जो खातो, आज़ाद कविता प्रस्तुत की। जयपुर की साहित्यकार मोनिका पंजवानी ने नारी की अन्तर्द्वन्द्व को परिलक्षित करती कहानी ’मिठास’ में विस्तार से बताया कि आज की नारी घर-गृहस्थी की जिम्मेदारियों में किस प्रकार उलझ जाती है और अपनी इच्छाओं को दबा देती हैं। जयपुर की वंदिता आहूजा ने नंढपिणु जो ख़ज़ानो ऐं मंूखे वबंदो आहे कवितायें प्रस्तुत की। निवाई टोंक की योग्यता इसरानी ने ’बेवस जी शाइरीअ में कुदिरत जा अक्स’ विषयक अपने आलेख में कवि एवं शायर किशन चन्द बेवस को कुदरती शायर बताया। उन्होंने बताया कि बेवस ने बच्चों, महिलाओं, बाग-बगीचे, तारा, बादल, बिजली, बूंद, पक्षी, जानवर, हवा, बहार, बरसात, धर्म, समाजवाद जैसे अनेक विषयों पर अपनी बेबाक कविताओं के माध्यम से समाज को एक नई दिशा दिखाई है।

इस अवसर पर अस्वस्थता की वजह से उपस्थित नहीं होने के कारण जोधपुर की साहित्यकार श्रीमती लीला कृपलाणी की जीवन की सच्चाईयों से रूबरू कराने वाली कविता ’जीवन जो पहाड़’ को माया वंसदानी ने पढ़कर सुनाया।

गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डा.खेमचंद गोकलानी, पार्वती भागवानी, माया वसंदानी, गोपाल, महेश किशनानी, डा.विवेकानन्द गोस्वामी, नमीषा खेमनानी, कविता सचदेव, मनोज आडवानी तथा सिन्धी भाषी साहित्यकार, पत्रकार, अकादमी के पूर्व सदस्य एवं समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। गोष्ठी का संचालन डा.माला कैलाश ने किया।

सचिव

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