राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव आज़ाद सिंह राठौड़ ने गत दिवस बाड़मेर आये हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के यमुना जल समझौते के बारे में तथ्यविहीन बात करके बाड़मेर की जनता से वोट माँगने की कड़ी आलोचना की। राठौड़ ने बताया कि एक तो यमुना जल परियोजना से हमारा पश्चिमी राजस्थान क्षेत्र बिलकुल भी लाभान्वित या प्रभावित नहीं होता, यहाँ आकर उस मुद्दे पर पर वोट माँगना भी बाड़मेर की जनता को भ्रमित करना है। इसके दीगर यमुना जल समझौते को लेकर भी जो कहा उन्होंने वह भी भ्रामक और सच्चाई से परे है। वर्तमान हरियाणा व राजस्थान की भाजपा सरकार के मध्य हुआ नये समझौते में राजस्थान के हितों की अनदेखी कर हरियाणा को अनुचित लाभ दिया गया है।
हरियाणा लगातार राजस्थान को पानी देने के विषय को अटकाता रहा तथा अपनी नहरों को काम लेने के मुद्दे पर राज़ी नहीं हुआ । जबकि राज्य सरकार द्वारा सन 2020 में 31000 करोड़ की DPR ( डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवा कर केंद्रीय जल आयोग को भिजवा दी गई।
अब 17 feb 2024 को राजस्थान, हरियाणा और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री की मौजूदगी में नहर की DPR नए सिरे से बनवाने का समझौता हुआ है ।इस समझौते ने 1994 की शर्तों का उल्लंघन कर दिया है तथा हरियाणा को पानी का मालिक बना दिया है। नए समझौते के अनुसार हरियाणा को पहले 24000 qusec पानी मिलेगा और उसके बाद यदि पानी बचेगा तो राजस्थान को पानी मिलेगा। ये शर्त मूल समझौते का उल्लंघन है। मूल समझौते के अनुसार सभी राज्यों को प्रो-रेटा बेसिस यानी पानी की उपलब्धता के अनुपात के अनुसार पानी मिलेगा जबकि इस समझौते के अनुसार पहले हरियाणा के हितो की पालना होगी और यदि पानी बचा तो राजस्थान को दिया जाएगा। राजस्थान की जनता इस नए समझौते का विरोध करती है तथा मूल समझौते को लागू करवाने की माँग करती है। बाड़मेर के लोग आपकी इस तथ्यहीन और बहकावे की राजनीति में नहीं आयेंगे। इस बार बाड़मेर की जनता ने कांग्रेस को जिताने का मन बना लिया है।