वसूली पर रोक

जीएसटी अधिकरण का गठन हो नहीं होने तथा प्रोफार्मा की तरह आदेश पारित करने के कारण वसूली पर रोक लगाते हुए असिस्टेंट कमिश्नर सर्किल बी सीकरr,राज्य सरकार,अपील अधिकारी ,कर भवन जयपुर और भारत सरकार से जवाब तलब

जयपुर,राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ के न्यायाधीश श्री पंकज भंडारी एवं श्रीमती शुभा मेहता ने के के ब्लॉक और इंटरलॉक फैक्ट्री के मामले में असिस्टेंट कमिश्नर सर्किल बी सीकरr,राज्य सरकार,अपील अधिकारी ,कर भवन जयपुर और भारत सरकार से जवाब तलब करते हुए वसूली आदेश पर रोक लगाई उल्लेखनीय है कि प्रार्थी के अधिवक्ता डी पी शर्मा एवं श्रीमती हीना शर्मा का तर्क था कि अपील अधिकारी के निर्णय के विरुद्ध जीएसटी अधिकरण में अपील करने का प्रावधान है परंतु जीएसटी अधिनियम 2017 को जुलाई 2017 से लागू होने के पश्चात भी अभी तक अधिकरण का गठन नहीं हुआ इसलिए कोई वैकल्पिक उपचार नहीं है अपील अधिकारी द्वारा प्रोफार्मा के जरिए आदेश पारित किया गया जो कि अनुचित है तथा विपक्ष अधिकारी वसूली हेतु आमादा है ऐसी स्थिति में वसूली कार्रवाई पर रोक लगाई जाए प्रार्थी के अधिवक्ता का तर्क था कि प्रार्थी ने जीएसटी रिफंड प्राप्त करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर ली थी परंतु माल आपूर्ति करता द्वारा जीएसटी रिटर्न भरने में गलती करने के कारण प्रार्थी फॉर्म को दंडित नहीं किया जा सकता प्रार्थी की अपील देरी के आधार पर खारिज कर दी गई उन्होंने भारत सरकार द्वारा जारी आदेश 2 नवंबर 2023 में अंकित तिथि को भी चुनौती दी थी जिसके तहत यह व्यवस्था थी कि कर प्रदाता 31 मार्च 2023 तक अपील प्रस्तुत करनी थी लेकिन नहीं की, 2.5 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स जमा कर 31 जनवरी 2024 तकअपील प्रस्तुत कर सकता है परंतु उसके पश्चात अर्थात 31 मार्च 2023 के पश्चात देरी करने पर उक्त लाभ नहीं मिलता जो की मनमाना है क्योंकि जिस व्यक्ति ने 10 माह से अधिक की देरी की है उसे वक्त लाभ मिलेगा लेकिन जिस व्यक्ति ने निर्धारित अवधि से एक दिन भी देरी करने पर उक्त आदेश का लाभ नहीं मिलेगा जो कि अनुचित है मामले की सुनवाई के पश्चात जवाब उक्त लोगों से जवाब तलब किया तथा वसूली पर रोक लगाई

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