जयपुर । राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम चूरु की ओर से साहित्य, संस्कृति एवं पत्राकारिता पर हुई परिचर्चा सम्पन्न हुई। राजस्थान साहित्यिक आंदोलन के संस्थापक अनिल सक्सेना ने इस अवसर पर कहा कि साहित्य और संस्कृति को परे रखकर पत्राकारिता की कल्पना बेमानी है। उन्होंने राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने पर बल दिया।
कार्यक्रम के शुभारंभ में स्वरचित सरस्वती वंदना वीणा वादिनी वरदे मधुर स्वर में कवयित्री इंदिरा सिंह ने प्रस्तुत की तथा परिचर्चा में भाग लिया । इन्होने साहित्य संस्कृति और मीडिया को एक दूसरे का पूरक बताया और कहा कि पत्रकारिता भी आसान काम नहीं है । वर्तमान में मीडिया सशक्त है तथा साहित्यिक गतिविघियों को समाज के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु सहयोग की भावना रखनी चाहिए।
इस अवसर पर कवयित्री इंदिरा सिंह ने अपनी पुस्तक “एक अनसुलझी काव्य संग्रह” को राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम के संस्थापक अध्यक्ष अनिल सक्सेना को भेंट की।
