जयपुर, 24 अक्टूबर, 2024: जयपुर स्थित आशा महिला दुग्ध उत्पादक संघ ने हाल ही में पेरिस में अंतर्राष्ट्रीय डेरी फेडरेशन का प्रतिष्ठित ‘डेरी नवाचार पुरुस्कार’ प्राप्त किया। यह पुरुस्कार उन्हें दूध के संधारणीय प्रसंस्करण की पहल के लिए प्रदान किया गया।
इस अवसर पर मौजूद एनडीडीबी और एनडीडीबी डेरी सर्विसेज के चेयरमैन डॉ. मीनेश शाह ने आशा महिला एमपीओ की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा, “महिला नेतृत्व वाले संगठन द्वारा यह प्रतिष्ठित पुरुस्कार जीतना बड़े गर्व का विषय है। न केवल यह भारत के ‘विश्व की डेरी’ बनने के मिशन के लिएमहत्वपूर्ण है, बल्कि महिलाओं को सशक्त करने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करता है। प्रसन्नता की बात यह है कि पिछले वर्ष तिरुपतिस्थित श्रीजा दुग्ध उत्पादक संघ को मिले पुरुष्कार के बाद यह लगातार दूसरा अवसर है, जब महिला उत्पादकों के स्वामित्व वाले उपक्रमों को यह सम्मानप्राप्त हुआ है।
भारत का अद्वितीय लघु इकाई सिस्टम हमारी जलवायु और बिजली की अविश्वसनीय आपूर्ति के कारण बड़ी मात्रा में सुप्रचालन संबंधी (लोजिस्टिकल)चुनौतियां पेश करता है, जिसके कारण दूध की गुणवत्ता प्रभावित होती है। आशा एमपीओ का अनौखा चिलर अद्वितीय थर्मोडायनामिक डिजाइन के कारण250 लीटर/ प्रति घंटे की दर से दूध को ठंडा करता है, जो ऊर्जा की न्यूनतम खपत में ऊष्मा का अधिकतम अंतरण (ट्रांसफर) करता है। यह नवाचार इसप्रक्रिया से निकले गर्म पानी को खाद्य सुरक्षा नियमों के अनुसार सफाई के लिए इस्तेमाल कर भूमिगत जल को बचाने के साथ-साथ स्वच्छता और सुरक्षामानकों को भी प्रोत्साहित करता है। इसमें बिजली छत पर लगे सौर ऊर्जा पैनलों से ली जाती है।
दुग्ध गुणवत्ता सुनिश्चित करने के साथ-साथ यह अक्षय ऊर्जा के उपयोग और ऊर्जा के परंपरागत स्रोतों पर निर्भरता कम कर संधारणीय अभ्यासों को भीप्रोत्साहित कर जलवायु परिवर्तन पहलों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता में भी योगदान करता है।
आशा महिला दुग्ध उत्पादक संघ की चेयरपर्सन श्रीमति नरसा कुंवर ने सशक्तिकरण और वित्तीय स्वतंत्रता की अपनी यात्रा को उपस्थित प्रतिभागियों केसाथ साझा किया, और बताया कि कैसे आशा एमपीओ की सदस्य बनने के बाद उनकी और 40,000 अन्य महिला डेरी किसानों के जीवन में बदलाव आयाहै।
उल्लेखनीय है कि टाटा ट्रस्ट द्वारा प्रोत्साहित ‘धनी’ (DHANII) की वित्तीय सहायता और एनडीडीबी डेरी सर्विसेज (राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड – एनडीडीबी कीगैर-लाभकारी सहायक संस्था एनडीडीबी डेरी सर्विसेज) की तकनीकी सहायता से आशा महिला एमपीओ की स्थापना 2016 में की गई थी। इसकी 40,000 से अधिक महिला डेरी किसान मिलकर राजस्थान के 9 जिलों के लगभग 900 गांवों से प्रतिदिन एक लाख लीटर से भी ज्यादा दूध का योगदान करती हैं।