प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं युवा नेता आजाद सिंह राठौड़ ने ओरण भूमि को डिम्ड फारेस्ट घोषित करने के प्रस्ताव के विरुद्ध आपत्तियों पर सुनवाई हेतु कमेटी का गठन कर तत्काल रिपोर्ट सौंपने की मांग की है। राठौड़ ने बताया कि एक माह पूर्व माननीय न्यायालय ने सरकार को जिलेवार कमेटियां गठित कर ओरण भूमि को डिम्ड फारेस्ट घोषित के विरुद्ध प्राप्त आपत्तियों पर सुनवाई करने का निर्देश दिया था, इस संबंध में अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
राठौड़ ने बताया कि पूर्व में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार द्वारा ओरण, गोचर भूमि को डिम्ड फारेस्ट घोषित करने का प्रस्ताव लाया गया था, जिसका हमने पुरजोर से विरोध किया था। साथ ही बाड़मेर, जैसलमेर सहित प्रदेश के सभी जिलों में आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए आंदोलन चलाया था। जनता द्वारा प्रदेश स्तर पर बड़ी संख्या में आपत्तियां दर्ज करवाई गई थी जिसके फलस्वरूप कोर्ट के आदेश पर सरकार ने मांगी गई आपत्तियों पर जिलेवार कमेटियां गठित कर सुनवाई करने के निर्देश दिए थे। इस संबंध में सरकार को कमेटियां गठित कर रिपोर्ट सौंपनी थी, जिसमें अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है। राठौड़ ने इस संबंध में सरकार से तत्काल रिपोर्ट सौंपने की मांग की है। इस प्रकिया में देरी होने से हजारों बीघा जमीनें कम्पनियों को आवंटित हो जाएगी।
राठौड़ ने बताया कि ओरण, गोचर भूमि सदियों से हमारे पूर्वजों के प्रयासों से संरक्षित रही है। यह भूमि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है। प्रकृति, पर्यावरण और पशुधन के लिए इस भूमि की महत्ता को देखते हुए स्थानीय लोग एक टहनी भी नहीं काटते है। हमारी मांग है कि ओरण, गोचर भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएं जिससे यह भूमि वन विभाग या कंपनियों को आवंटित होने बच जाएं तथा अतिक्रमण से मुक्त हो।
-देवेंद्र जोशी ( कार्यालय श्री आजाद सिंह राठौड़, सचिव, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी,बाड़मेर )