अधिशेष शिक्षकों के समायोजन को व्यावहारिक बनाने की मांग

काउंसिल प्रक्रिया द्वारा पदस्थापन नहीं करने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा — शिक्षक संघ (सियाराम)
जयपुर : 27 जुलाई / राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) के प्रदेश उपाध्यक्ष भगवत डांगी ने शिक्षा मंत्री,शासन सचिव (स्कूल शिक्षा) एवं निदेशक को ज्ञापन भेज कर अधिशेष शिक्षकों के समायोजन संबंधित दिशा निर्देशों में व्यवहारिक बदलाव कर पदस्थापन काउंसलिंग प्रक्रिया द्वारा ही करने की मांग की है। संगठन के प्रदेश कार्य कारी अध्यक्ष शक्ति सिंह गोड़ ने बताया कि निदेशक महोदय, माध्यमिक शिक्षा राजस्थान, बीकानेर ने अधिशेष शिक्षकों के समायोजन के संबंध में 14 नवम्बर को जो दिशा – निर्देश जारी किए हैं,उनमें कई प्रकार की विसंगतियां है। इन विसंगतियों के कारण शिक्षकों में विभागीय अधिकारियों के प्रति गहरा रोष है। संगठन ने अधिशेष शिक्षकों के समायोजन संबंधित दिशा निर्देशों में आवश्यक बदलाव कर इन्हें व्यावहारिक बनाने की मांग की है। संगठन के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह गुर्जर के अनुसार अधिशेष शिक्षकों में कई शिक्षक ऐसे भी हैं, जिनकी आगामी दिनों में पदोन्नति होने वाली है, पदोन्नत होने वाले इन शिक्षकों को समायोजन से पूर्णतया मुक्त रखा जावे। सत्र 2022-23 में उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किए गए विद्यालयों में पदस्थापित व्याख्याता,जिनके पद की वित्तीय स्वीकृति आज तक जारी नहीं हुई है,ऐसे व्याख्याता को समायोजन से मुक्त रखते हुए इनके पदों की वित्तीय स्वीकृति ( बजट ) तत्काल जारी की जावे।साथ ही महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम एवं स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल में प्रतिनियुक्ति हेतु ली गई परीक्षा का परिणाम तत्काल जारी कर चयनित होने वाले शिक्षकों को भी समायोजन से पूरी तरह मुक्त रखा जावे।इन तीनों श्रेणी के शिक्षकों को समायोजन से पूर्णतया मुक्त रखने से इन शिक्षकों को बार-बार अन्यत्र नहीं जाना पड़ेगा,जिससे इन्हें राहत मिलेगी। शिक्षक संघ (सियाराम) ने अधिशेष शिक्षकों के समायोजन का कार्य काउंसलिंग प्रक्रिया द्वारा ही किए जाने की भी मांग की है। संगठन के सभाध्यक्ष सहदेव सिंह रावत ने बताया कि काउंसलिंग द्वारा पदस्थापन देने से इस संपूर्ण प्रक्रिया में पारदर्शिता रहेगी एवं भ्रष्टाचार व भाई- भतीजावाद के आरोपों से भी बचा जा सकेगा।

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