केंद्र सरकार के दिशाहीन बजट में राजस्थान, बेरोजगारी, महंगाई और आमजन की अनदेखी: आज़ाद सिंह राठौड़

केंद्र सरकार का बजट देश राजस्थान की समस्याओं से मुँह मोड़ता हुआ और दिशाहीन है, यह कहना है प्रदेश कांग्रेस कमेटी राजस्थान के महासचिव आज़ाद सिंह राठौड़ का।
इस बजट में राजस्थान खाली हाथ रहा है। राजस्थान के सीमांत क्षेत्र में बंद की BADP योजना की एवं में एक नई योजना की उम्मीद थी जो की पूरी नहीं हुई। केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन (JJM)  की समयसीमा 2028 तक बढ़ा दी है, जो पहले 2022 और फिर 2024 निर्धारित की गई थी। इससे यह स्पष्ट है कि यह एक विफल परियोजना साबित हुई है। केंद्र सरकार ने बिना उचित योजना के इस योजना की शुरुआत की, जिसके चलते समयसीमा को बार-बार बढ़ाना पड़ रहा है। राजस्थान की जनता को उम्मीद थी कि आज ERCP और यमुना जल समझौते पर कोई बड़ी घोषणा की जाएगी, लेकिन बजट में राजस्थान का नाम तक नहीं लिया गया। जिससे राजस्थान की जनता की उम्मीदें टूट गईं।

उन्होंने कहा कि इस बजट में बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की समस्याओं और देश के आर्थिक संकट पर कोई ठोस उपाय नहीं किया गया है। केंद्र सरकार ने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का जो वादा किया था, वह अब खोखला साबित हो चुका है, और सरकार ने अब इस लक्ष्य का उल्लेख तक नहीं किया है।

राठौड़ ने कहा कि बेरोजगारी देश में रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रही है, लेकिन बजट में इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। सरकार ने न ही युवाओं के लिए रोजगार सृजन के उपाय सुझाए, न ही सरकारी नौकरियों में वृद्धि की कोई योजना पेश की। वहीं महंगाई की स्थिति चिंताजनक है, लेकिन पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस पर राहत की कोई घोषणा नहीं की गई, बल्कि गैस सब्सिडी को कम कर दिया गया है, जिसका असर गरीब परिवारों पर पड़ेगा।

किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की उम्मीद थी, लेकिन इस पर बजट में कोई बात नहीं की गई। राजस्थान में MSP के बिना फसलों की खरीद हो रही है, जिससे किसान परेशान हैं। इसके अलावा, MSME सेक्टर को बढ़ावा देने की बात तो की गई है, लेकिन सरकार ने इस सेक्टर को कितने ऋण दिए हैं, इसका कोई डेटा तक नहीं दिया।

केंद्र सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के बजाय निजी कंपनियों को डेटा बेचने जैसे कदम उठाए हैं, जिससे साफ है कि उन्हें शिक्षा के सुधार में कोई दिलचस्पी नहीं है। बजट में प्राथमिक शिक्षा और सरकारी स्कूलों की बेहतरी पर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया।

बिहार में चुनाव नजदीक देखते हुए कुछ घोषणाएँ की गईं, लेकिन पिछले 10 सालों से बिहार में सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए थे। इस बजट में 12 लाख तक आय पर टैक्स छूट दी गई है, जबकि इसे बढ़ाकर 24 लाख तक किया जाना चाहिए था ताकि मध्यम वर्ग को राहत मिल सके।

कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार के इस जनविरोधी बजट का कड़ा विरोध करती है और मांग करती है कि सरकार बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की समस्याओं और राजस्थान के विकास पर ध्यान दे।

देवेंद्र जोशी ( कार्यालय श्री आजाद सिंह राठौड़, सचिव, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी, बाड़मेर )

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