- एयरपोर्टविस्तार के पहले चरण के तहत यात्रियों के लिए नए प्रवेश और निकास द्वार खोले गए
- यात्रियोंकी आवाजाही अब नए बने चार लेन वाले मार्ग से होगी
- पार्किंगक्षमता बढ़ाई गई
जयपुर, राजस्थान: यात्री सुविधा में विस्तार करते हुए, जयपुर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर यात्रियों की आवाजाही के लिए नए प्रवेश/निकास द्वारों को खोला गया। इसके साथ ही टर्मिनल-2 पर यात्रियों और वाहनों की सुचारू आवाजाही के लिए पर एक समर्पित चार लेन की सड़क का भी उद्धघाटन किया गया। उद्धघाटन समारोह में सरकार तथा एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
नए बदलाव के तहत यात्री/वाहन एयरपोर्ट पर नए प्रवेश द्वार से अंदर आयेंगे तथा नयी सड़क का उपयोग करते हुए सीधे निकास द्वार से बहार निकल जाएंगे। इस नए परिवर्तन से पोर्च एरिया में भीड़भाड़ में उल्लेखनीय कमी आएगी तथा एयरपोर्ट से आने-जाने वाले यातायात के प्रवाह को सुचारू बनाने में मदद मिलेगी। वाहनों की अधिक संख्या को संभालने के लिए डिज़ाइन की गई यह सड़क मुख्य रूप से यात्रियों की ज़रूरतों को पूरा करेगी और विशेष रूप से व्यस्त यात्रा समय के दौरान बाधाओं को कम करने में मदद करेगी। इसके साथ ही 475 चार पहिया वाहनों और 600 दो पहिया वाहनों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त पार्किंग क्षमता बनाई गई है।
एयरपोर्ट की कार्यकुशलता को और बेहतर बनाने के लिए, पोर्च क्षेत्र में मौजूदा तीन लेन को विशेष रूप से वीआईपी आवागमन के लिए आरक्षित किया गया है। यह समर्पित लेन आवंटन वीआईपी यात्रियों के लिए एक सहज और त्वरित यात्रा अनुभव प्रदान करेगा, उन्हें सामान्य यातायात से अलग करेगा और उनकी सुरक्षा व्यस्था को सुदृढ़ करेगा। प्रवेश बिंदु के पास लगभग 20 वीआईपी वाहनों के लिए एक अलग पार्किंग क्षेत्र भी बनाया गया है।
इन क्रमबद्ध विकास कार्यों से हवाई अड्डे के संचालन की समग्र दक्षता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। यात्रियों को यात्रा के समय में कमी और सड़क के किनारे भीड़भाड़ कम होने का लाभ मिलेगा, जबकि वीआईपी यात्रियों को समर्पित लेन की सुविधा प्राप्त होगी।
जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, इसलिए ये बदलाव मौजूदा सुविधाओं का विस्तार और आधुनिकीकरण करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं। बुनियादी ढांचे में लगातार निवेश करके, हवाई अड्डे का लक्ष्य अपने यात्रियों को विश्व स्तरीय सेवाएँ प्रदान करते हुए शीर्ष स्तरीय यात्रा केंद्र के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखना है।