होली के रंग संपर्क के संग: साहित्य, सम्मान और संस्कृति का अनूठा संगम

पांच पुस्तकों का विमोचन, ‘संपर्क अपराजिता सम्मान’ से गौरवान्वित हुईं महिलाएँ
जयपुर। सामाजिक और साहित्यिक कार्यों में अग्रणी संपर्क संस्थान के तत्वावधान में ‘होली के रंग संपर्क के संग’ कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। फूलों की होली, नृत्य, गीत और संगीत की मधुर प्रस्तुति ने आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया। इस अवसर पर ‘संपर्क अपराजिता सम्मान’ प्रदान किए गए और पांच पुस्तकों का भव्य विमोचन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ रोजियम ग्रुप के चेयरमैन अर्पित जैन,श्याम आशीष ग्रुप के डायरेक्टर बाबूलाल कुलरिया, समाजसेवी दीपा माथुर मोटिवेशनल स्पीकर हरफूल कुलरिया और डॉ. अखिल शुक्ला, साहित्यकार शालिनी शर्मा द्वारा माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ।
संस्थान के अध्यक्ष अनिल लढ़ा ने ‘सेव बेटी, सेफ बेटी’ मिशन पर प्रकाश डालते हुए 425 बेटियों को गोद लेने और संपर्क की 24 वर्षों की यात्रा की विस्तार से जानकारी दी। महासचिव एवं समन्वयक रेनू शब्द मुखर ने संस्थान के साहित्यिक योगदान पर चर्चा करते हुए अब तक 45 पुस्तकों के विमोचन की उपलब्धि को रेखांकित किया।   मुख्य अतिथि अर्पित जैन ने संपर्क संस्थान के साथ सदैव सहयोग का आश्वासन देते हुए इसकी सामाजिक और साहित्यिक पहल की सराहना की। बाबूलाल कुलरिया और हरफूल कुलरिया ने भी संस्थान के कार्यों की प्रशंसा करते हुए हर संभव सहयोग देने का वचन दिया। समाजसेवी दीपा माथुर ने महिलाओं को सकारात्मक सोच और आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित किया।
पांच पुस्तकों का विमोचन
इस अवसर पर प्रतिष्ठित साहित्यकारों की पाँच महत्वपूर्ण कृतियों
जिसमे सुनीता त्रिपाठी की ‘तेरे लिए’, ‘सृष्टि का सागर’ और ‘सृष्टिमन’, डॉ. आरती भदौरिया की ‘साँसों का निनाद’ एवं डॉ. लता सुरेश की ‘रिश्ते’ का विमोचन किया गया । कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. आरती भदौरिया और सीमा वालिया ने किया। इस भव्य आयोजन में देश-विदेश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों ने सहभागिता की और संपर्क संस्थान की इस अनूठी पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

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