आधुनिक तकनीक से बढ़ी किसानों की आमदनी

कृषि कार्य में बढ़ती लागत तथा घटती आमदनी के चलते अनेक किसानों का खेती से मोह कम होने लगा है। वही युवा किसानों ने कृषि कार्य में परंपरागत तौर तरीकों के साथ ही आधुनिक तथा उन्नत तकनीक का इस्तेमाल कर कृषि को मुनाफे वाला व्यवसाय सिद्ध कर दिया है। तथा यह बता दिया कि कृषि कार्य में उन्नत तथा आधुनिक तौर तरीकों का इस्तेमाल किया जाए तो कृषि अन्य व्यवसाय की तुलना में बेहतर व्यवसाय साबित हो सकता है।
 राजस्थान का गर्म वातावरण, पानी की कमी तथा तेज लू से गर्मी की फसले नष्ट हो जाती है। फसलों को कड़ी धूप तथा कम पानी में अच्छी पैदावार लेने के लिए निकटवर्ती रुदलाई ग्राम के युवा किसान बीरम सिंह ने उन्नत तकनीक अपनाई।
 उन्होंने  गैंदा के फूल, मिर्च, ब्रोकली  की खेती करके हजारों की आमदनी भी प्राप्त की। बीरम सिंह ने बताया कि क्षेत्र में अक्सर पानी की कमी रहती है इसलिए उन्होंने खेत में आधुनिक उपकरणों को काम में लेते हुए ट्रैक्टर की सहायता से करीब  8- 10 बीघा में पहले मिट्टी की डोल बनवाई तथा ड्रिप  सिंचाई वाले पाईप लाईन लगाकर मिट्टी की डोल पर प्लास्टिक की पन्नी जिसे मल्चिंग कहा जाता है चढ़ा दी। मल्चिंग में में समान दूरी पर छेद करके उन्होंने बीजों का रोपण किया। बीज अंकुरित होने के बाद पौधे बाहर निकले तो उन्हें धूप से बचाने के लिए उनके ऊपर कपड़े की लंबी छत (टनल )लगाकर उन्हें छाया उपलब्ध करवाई जिससे पौधे तेज धूप तथा लू तथा  सर्दी से भी बच सके। उनके इस तकनीक में पौधों में कम पानी तथा निनाण  की जरूरत नहीं होती।फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले चारा आदि नहीं पैदा होता है। और पौधा अच्छी बढ़त लेता है ।इस नई तकनीक को देखकर दूसरे किसानों का भी इसमें इस तकनीक को अपनाने का आकर्षण बढ़ा है।

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