कोटा फैक्ट्री के रीयल जीतू भैया -एनवी सर के छात्रों ने जेईई मैन्स में किया कमाल

एनवी सर द्वारा प्रशिक्षित तीनों बैच के सभी छात्रों ने जेईई मैन्स क्रेक किया
• टाॅप 100 में 4 छात्रों ने प्राप्त की उत्कृष्ट रैंक
• टाॅप 500 में 17 छात्रों ने प्राप्त की उत्कृष्ट रैंक

* मोशन एजुकेशन के 65.8 प्रतिशत छात्र जेईई एडवांस्ड के लिए क्वालिफाई हुए – राष्ट्रीय औसत 16.25 प्रतिशत से चार गुना अधिक, जिसमें 10,532 में से 6,930 छात्रों ने योग्यता प्राप्त की।
* कोटा के असली जीतू भैया एनवी सर (श्री नितिन विजय) के मार्गदर्शन ने बड़ी सफलता दिलाई – 453 छात्रों ने ऑल इंडिया रैंक (एआईआर) 10,000 में स्थान प्राप्त किया, जिसमें 39 टाॅप 1000 में और 4 टाॅप 100 में शामिल हैं। एकलव्य, आईएमएमपी, ए और वी बैचों से 100 प्रतिशत परिणाम मिला।  
* समावेशीता के साथ प्रभाव – 76.3प्रतिशत ड्रॉपर बैच के छात्रों ने क्वालिफाई किया, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/दिव्यांग श्रेणियों के 7 छात्रों ने शीर्ष 500 रैंक हासिल किए।  

कोटा/राष्ट्रीय, 21 अप्रैल, 2025ः शैक्षणिक उत्कृष्टता के एक उल्लेखनीय प्रदर्शन में, कोटा के असली जीतू भैया – एनवी सर (श्री नितिन विजय) के नेतृत्व में मोशन एजुकेशन ने एक बार फिर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में नए मानक स्थापित किए हैं। जेईई मेन 2025 के अब तक के परिणामों के आधार पर, मोशन एजुकेशन के 65.8 प्रतिशत छात्रों ने जेईई एडवांस्ड के लिए क्वालिफाई किया है, जो राष्ट्रीय औसत 16.25 प्रतिशत से काफी आगे है। मोशन ने साबित कर दिया है कि सामान्य छात्र भी सही मार्गदर्शन और संसाधनों के साथ भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं जैसे आईआईटी-जेईई या नीट में सफलता पा सकता है।
’इस अवसर पर मोशन एजुकेशन के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री नितिन विजय ने कहाः’ ‘ऐसा कहा जाता है कि सफल होने के लिए टॉपर होना जरूरी नहीं, बल्कि सीखने की ललक, अनुशासन और हिम्मत होना चाहिए। हम मानते हैं कि हर छात्र में उज्ज्वल भविष्य की संभावना होती है। हम अपने छात्रों और शिक्षकों के इस अद्भुत प्रदर्शन पर गर्व महसूस कर रहे हैं। सभी की मेहनत, अनुशासन और लगातार प्रयास वास्तव में प्रशंसनीय हैं। यह सफलता न केवल हमारी शैक्षणिक कठोरता को दर्शाती है, बल्कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भविष्य के नेताओं को तैयार करने के हमारे संकल्प को भी प्रदर्शित करती है।‘

शैक्षणिक कठोरता से परे, मोशन एजुकेशन ‘पहले छात्र, फिर परिणाम‘ के सिद्धांत में दृढ़ विश्वास रखता है। संस्थान एनवी सर द्वारा नियमित प्रेरणादायक सत्र, आंतरिक परामर्शदाताओं की सुविधा, तनाव प्रबंधन कार्यशालाओं और सहपाठी मार्गदर्शन कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों के मानसिक और भावनात्मक कल्याण को प्राथमिकता देता है। ये प्रयास एक सहयोगात्मक और संतुलित शिक्षण वातावरण बनाते हैं, जो छात्रों को उनकी तैयारी यात्रा के दौरान दृढ़, केंद्रित और आत्मविश्वासी बने रहने में सशक्त बनाता है।

इस शानदार प्रदर्शन में और योगदान देते हुए, 4 छात्रों ने टाॅप 100 में, 17 ने टाॅप 500 में, 39 ने टाॅप 1000 में और 453 छात्रों ने ऑल इंडिया रैंक (एआईआर) 10,000 के भीतर स्थान प्राप्त किए हैं, जो संस्थान की शैक्षणिक गुणवत्ता और व्यक्तिगत शिक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस वर्ष के प्रदर्शन को वास्तव में विशेष बनाता है मोशन एजुकेशन के विशेष कार्यक्रमों जैसे एकलव्य,
आईएमएमपी, ए* (30), और वी* (110) बैचों से 100 प्रतिशत चयन दर। विशेष रूप से, एनवी सर द्वारा प्रशिक्षित ‘ए*‘ बैच के सभी 30 चयनित छात्रों ने जेईई एडवांस्ड 2025 के लिए योग्यता प्राप्त की, जो संस्थान की उच्च-क्षमता वाले छात्रों को पहचानने और उन्हें आगे बढ़ाने की क्षमता को पुष्ट करता है।

समावेशिता और उत्कृष्टता साथ-साथ चलती हैं, जहां अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और दिव्यांग श्रेणियों के 7 छात्रों ने टाॅप 500 रैंक हासिल किए – यह मोशन की विविध शैक्षिक प्रतिभा को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का एक मजबूत प्रमाण है। इसके अलावा, कोटा कक्षा बैच के 76.3 प्रतिशत ड्रॉपर छात्रों ने योग्यता प्राप्त की, जो संस्थान के छात्र-केंद्रित और प्रभावी शिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र को सत्यापित करता है।

जेईई मेन सत्र 2 (बी.ई./बी.टेक.) की परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा 2 अप्रैल से 9 अप्रैल, 2025 तक दो पालियों में आयोजित की गई थी। 10.5 लाख से अधिक छात्रों ने भारत और विदेश के परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा दी।
इस वर्ष, मोशन के कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित शिक्षण प्रणाली ने सफलता को सभी के लिए सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अवधारणा-प्रगति-प्रणाली (सीपीएस) मशीन, एआई आधारित दैनिक अभ्यास पत्र (डीपीपी) मशीन, मोशन लर्निंग ऐप, एआई द्वारा तैयार अध्ययन सामग्री, अनुकूलित परीक्षण विश्लेषण और छात्रों के स्तर के अनुरूप स्मार्ट पुस्तकों जैसे उपकरणों ने सामान्य छात्रों को भी सीखने के अंतराल को पाटने और आगे बढ़ने में सक्षम बनाया।

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